बिछिया-पायल से नथ तक सावन में ऐसे करें सोलह शृंगार, सुहागिनों को मिलेगा गौरी शंकर का आशीर्वाद

सावन का महीना शुरू हो गया है. कहा जाता है कि जो सुहागन स्त्रियां सोलह श्रृ्ंगार करके भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करती हैं उनपर मां पार्वती और भगवान शिव की विशेष कृपा होती है. बहुत सी महिलाएं ये नहीं जानती की सोलह श्रृंगार में क्या-क्या आता है.

राहुल मिश्रा Tue, 23 Jul 2024-2:00 pm,
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सुहागन स्त्रियां

सावन के महीने में कहा जाता है कि सुहागन स्त्रियां सोलह श्रृंगार कर के गौरीशंकर का आशीर्वाद मांगती है और चाहती है कि उनका रिश्ता भी शिव पार्वती जैसा हो. आज हम आपको बताएंगे की सोलह श्रृंगार में क्या-क्या चीजें शामिल है. 

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सिंदूर

आम तौर पर भी महिला सिंदूर लगाती है पर सावन के समय सोलह श्रृंगारों में इसका स्थान सबसे ऊपर आता है. इसे सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है. औरतें अपने पति की लंबी उम्र के लिए अपनी मांग के बीचों-बीच सिंदूर भरती हैं. 

 

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बिंदी

सौभाग्यवती महिलाएं बिंदी या कुमकुम को माथे पर दोनों भौहों की बीच में लगती हैं. माथे पर सजी बिंदी भगवान शिव के तीसरे नेत्र का प्रतीक है. 

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काजल

काजल आंखों का श्रृंगार होता है. इससे आंखों की खूबसूरती बढ़ती है और काजल लगाने से बुरी नजर से भी बचा जाता है. सोलह श्रृंगार में काजल का भी महत्वपूर्ण स्थान है. 

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नथ

नथ नाक का गहना होती है. कुंदन नथ सावन के लिए परफेक्‍ट है. यह जरूरी नहीं कि आप नाक में बड़ी सी नथ पहने, छोटी सी नोजपिन या नोजरिंग से भी श्रृंगार कर सकती हैं. 

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गजरा

हिंदू धर्म में शादी के समय बालों पर गजरा सजाया जाता है. गजरे को आप जूड़े पर या चोटी पर लटका कर लगा सकती हैं. 

 

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इयरिंग्स

सोलह श्रृंगार में इयरिंग्स भी शामिल है. महिलाओ के साथ-साथ कुंवारी लड़कियां भी कान का गहना पहन सकती हैं. कान के गहने में छोटे टॉप्स, बाली, झुमके इनमें से कुछ भी पहना जा सकता है.

 

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चूड़ियां

हाथों में पहनी जाने वाली लाल हरी चूड़ियां सुहागन महिलाओं के सौभाग्य का प्रतीक है. लाल चूड़ियां खुशी का प्रतीक है, हरी चूड़ियां सुख और समृद्धि का प्रतीक है. सावन के महीने में जब चारों तरफ हरियाली होती है तो हरे रंग की चूड़िया पहननी चाहिए. 

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मेंहदी

मेहंदी भी सोलह श्रृंगार का हिस्सा है. हाथों की मेहंदी जितनी गहरी रचती है पति का प्यार उतना ज्यादा मिलता है. सावन के महीने में मेहंदी लगाने का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है 

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बिछिया

पैरों की उंगलियों में पहना जाता है. सिर्फ सुहागन औरते ही बिछिया पहनती है. शादी के समय इसे महिलाओं को पहनाया जाता है. शादी की एक रस्म होती है जिसमें इसे पहनाया जाता है. 

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पायल

सोलह श्रृंगार में पायल का भी अपना एक अलग महत्वपूर्ण स्थान है. सौभाग्यवती स्त्रियों को अपने पैरों में हमेशा पायल पहन कर रखनी चाहिए. इसकी छन-छन की आवाज की तरह ही महिलाएं अपने घर आंगन को खुशियों के संगीत से सजाती है. 

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