पहाड़ घूमना नहीं चाहते तो जिम कार्बेट पार्क में 3 दिन में मिलेगा टाइगर देखने का रोमांच
जानिए भारत के सब से पहले राष्ट्रीय पार्क के बारे में. अगर आप अपनी गर्मी कि छूटियां किसी अच्छी जगह बिताना चाहते है तो यह देखने ज़रूर जाए.
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व
कॉर्बेट पार्क भारत का पहला राष्ट्रीय पार्क है जो सन 1936 में स्थापित किया गया था. इसका पहले नाम हैली नेशनल पार्क था लेकिन 1957 में महान प्रकृतिवादी जिम कॉर्बेट की याद में बना. यह नैनीताल के कालाढूंगी एवं रामनगर से 118 किलोमीटर दूर हैं.
कॉर्बेट पार्क का समय
यहां सुबह 5:30 से 9:30 तक घूम सकते हैं. फिर दिन में 3:00 से 6:30 तक घूम सकते हैं. जिम कार्बेट में घूमने शुल्क 7500 है. एक जीप में 6 बड़े और 2 बच्चे जा सकते हैं. बिजरानी, झिरना, ढेला, फैंटो, गर्जिया, पवलगढ़ और दुर्गादेवी मेन टूरिस्ट प्वाइंट हैं.
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से दूरी
दिल्ली, मुरादाबाद, काशीपुर और रामनगर से इसकी दूरी केवल 240 किमी है. लखनऊ, बरेली, किच्छा, हल्द्वानी से इसकी दूरी 160 किमी है. रुद्रपुर, काशीपुर से 145 किमी. वही नैनीताल, कालाढूंगी से 62 किमी और देहरादून से रामनगर 250 किमी दूर है.
कॉर्बेट संग्रहालय
कॉर्बेट का संग्रहालय पूरे उद्दान में सबसे आकर्षक स्थानों में से एक है. संग्रहालय उस ही बंगले में स्थित है जो कॉर्बेट का घर हुआ करता था. जिसके नाम पर पार्क का नाम रखा गया है. इस संग्रहालय में प्राचीन वस्तुओं और दुर्लभ तस्वीरों है. यहां एक छोटी सी दुकान स्मृति चिन्ह और हाथ से तैयार की गई स्थानीय वस्तुओं को भी बेचती है जिन्हें कोई भी खरीद सकता है.
कॉर्बेट पार्क में कैम्पिंग
कैम्पिंग का शौक रखने वालों के लिए यह सबसे शांतिपूर्ण गतिविधियों कराती हैं. जिसमें आप इस एक्टिविटी का मजा लें सकते है. यहां कैंपिंग सबसे लोकप्रिय गतिविधियों में से एक है. यहा आकर आप कैंपिंग पैकेज बुक कर सकते हैं जिसमें नेशनल पार्क में लुभावने जंगलों के माध्यम से मछली पकड़ने, बॉनफायर जैसी चीजें शामिल हैं.
कॉर्बेट पार्क का झरने
एक और चीज जो अपका इंतजार कर रही है वो है यहा का वाटरफॉल. यह नैनीताल के मार्ग से लगभग 22 से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह 66 फीट ऊंचा जलप्रपात देखने लायक है. पर्यटकों को पास से देखने की बजाए दूर से इस झरने को देखने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यहां सांप और मगरमच्छ देखे जाते हैं.
कॉर्बेट का गर्जिया मंदिर
यह एक पवित्र मंदिर भी है जिसे गर्जिया माता मंदिर भी कहा जाता हैं. यह नैनीताल जिले के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है, जहां नवंबर और दिसंबर के बीच हजारों भक्तों की भीड़ उमड़ती है. आपको इस मंदिर में लक्ष्मी-नारायण की मूर्ति देखने को मिलेगी.
रिवर राफ्टिंग का भी मजा है.
आप यहां रिवर राफ्टिंग का भी मजा ले सकते हैं क्योंकि यह जानवरों और पक्षियों के अलावा पार्क के मुख्य आकर्षणों में से एक है. कोसी नदी पार्क से होकर बहती है जिसमें पर्यटक रिवर राफ्टिंग करनें आते है. नदी का मार्ग आपको जंगलों और पहाड़ियों के बीच ले जाता है.
हाथी सफारी
हाथियों से प्यार करने वालों के लिए भी यहां बहुत कुछ है करने के लिए. यहां हाथी सफारी सबसे अच्छी चीजों में से एक है. हाथी सफारी 9 से 10 फीट की सुरक्षित ऊंचाई पर वनभूमि का पता लगाने का सबसे अच्छा तरीका है. हाथी की सवारी केवल ढिकाला और बिजरानी क्षेत्रों में उपलब्ध है.
जंगल सफारी
हाथी सफारी के साथ-साथ जिम कॉर्बेट में आप जंगल सफारी भी कर सकते हैं. जंगल सफारी का आयोजन एक बार सुबह और एक बार शाम को किया जाता है. प्रत्येक जीप में अधिकतम 6 लोगों को बैठने की अनुमति है.