तिगुना हो गई है उत्तराखंड आने वाले सैलानियों की संख्या, इन 3 जगहों को सबसे ज्यादा किया गया पसंद

uttarakhand tourism: कोटद्वार उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में स्थित है. यह पौड़ी से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर है. पहले इसे कूटद्वार के नाम से जाना जाता था.

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तिगुना हो गई है उत्तराखंड आने वाले सैलानियों की संख्या, इन 3 जगहों को सबसे ज्यादा किया गया पसंद

देशभर में उत्तराखंड की पहचान देवभूमि के रूप में है. लेकिन यह पर्वतीय राज्य अपनी मनोरम प्रकृति के लिए भी जाना जाता है. इस वजह से पर्यटन के लिहाज से यह एक आकर्षक जगह है. यही वजह है कि बीते तीन सालों में उत्तराखंड में विदेशी पर्यटकों की संख्या 89 प्रतिशत बढ़ी है. पिछले साल विदेशी पर्यटकों की संख्या 1.48 लाख थी. सबसे अधिक विदेशी पर्यटक टिहरी, देहरादून और कोटद्वार पहुंचे.

 

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गढ़वाल का गेटवे है कोटद्वार

कोटद्वार उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में स्थित है. यह पौड़ी से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर है. पहले इसे कूटद्वार के नाम से जाना जाता था. कोटद्वार को गढ़वाल के गेटवे के रूप में जाना जाता है.

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दिल्ली और देहरादून दोनों से नजदीक है कोटद्वार

कोटद्वार शहर पर एक समय में मौर्य सम्राट अशोक का शासन था. बाद में कत्यूरी और पवार राजवंश का शासन रहा. इसके बाद गोरखाओं का शासन हुआ. आधुनिक समय में अंग्रेजों ने गोरखाओं को हराया और कोटद्वार को अपने अधिकार में लिया. अंग्रेजों के समय में ही कोटद्वार का स्टेशन बना. जोकि देश के पुराने रेलवे स्टेशनों में से एक है. कोटद्वार दिल्ली और देहरादून दोनों से नजदीक है. 

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नई टिहरी पहुंचते हैं पर्यटक

नई टिहरी में एक मानव निर्मित झील है जो कि उत्तराखंड की सबसे बड़ी झील है. इसमें पर्यटक एडवेंचर स्पोर्ट्स और बोटिंग, बनाना बोट, बैंडवैगन बोट, जेट स्की, वॉटर स्कीइंग, पैरा-सेलिंग, कयाकिंग जैसे विभिन्न  खेलों का लुत्फ उठाने पहुंचते हैं.

 

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टिहरी गढ़वाल का इतिहास

टिहरी गढ़वाल पर एक समय में परमार (शाह) राजवंश का राज था. राजा सुदर्शन शाह ने टिहरी को अपनी राजधानी बनाया था.आगे चलकर प्रताप नगर ,कीर्तिनगर और नरेंद्र नगर भी राजधानी बने.देश आजाद हुआ तो टिहरी के लोगों को राजशाही से आजादी मिली. पर्यटक नरेंद्र नगर पहुंचते हैं और राजाओं का इतिहास जानते हैं. 

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उत्तराखंड की राजधानी है देहरादून

देहरादून न सिर्फ उत्तराखंड की राजधानी है बल्कि सूबे का सबसे अधिक आबादी वाला शहर है. यह देहरादून जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है और देहरादून नगर निगम द्वारा शासित है. यह गढ़वाल क्षेत्र का हिस्सा है.

 

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हिमालय की तलहटी है देहरादून

देहरादून दून घाटी में हिमालय की तलहटी में स्थित है. इसके पूर्व में सोंग नदी और पश्चिम में आसन नदी है. यह शहर अपनी खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है और आसपास के क्षेत्र के लिए प्रवेश द्वार की तरह काम करता है. 

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देहरादून में स्थित हैं कई अहम संस्थान

देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी, वन अनुसंधान संस्थान, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी, दून स्कूल, वेल्हम बॉयज़ स्कूल, वेल्हम गर्ल्स स्कूल, ब्राइटलैंड्स स्कूल, राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज, उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय स्थित हैं. वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग भी यहीं हैं. 

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मुख्य पर्यटन स्थलों से जुड़ा है देहरादून

देहरादून मसूरी, धनौल्टी, चकराता, नई टिहरी, उत्तरकाशी, हर्षिल, चोपता-तुंगनाथ, औली ,डोडीताल, दयारा बुग्याल, केदारकांठा,फूलों की घाटी ,हेमकुंड साहिब, हरिद्वार ,ऋषिकेश, यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ से भी जुड़ा हुआ है. 

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डिस्क्लेमर

ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसका हूबहू सही होने का दावा या पुष्टि जीयूपीयूके नहीं करता.

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