1991 में जिस राम मंदिर के लिए आंदोलन करने अयोध्या आए मोदी, 2020 में उसी मंदिर की आधारशिला रखने PM बनकर लौटे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या की धरती पर कुल 29 साल बाद लौटे हैं. इससे पहले वे 18 जनवरी 1991 को अयोध्या में आए थे. तब नरेंद्र मोदी गुजरात बीजेपी के युवा नेता थे और उनकी इतनी पहचान भी नहीं थी.
अयोध्या: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या की धरती पर कुल 29 साल बाद लौटे हैं. इससे पहले वे 18 जनवरी 1991 को अयोध्या में आए थे. तब नरेंद्र मोदी गुजरात बीजेपी के युवा नेता थे और उनकी इतनी पहचान भी नहीं थी. कन्याकुमारी से शुरू हुई तिरंगा यात्रा के दौरान नरेंद्र मोदी अयोध्या मुरली मनोहर जोशी के साथ पहुंचे थे.
राम मंदिर आंदोलन के दौरान पहुंचे थे अयोध्या
18 जनवरी 1992 को नरेंद्र मोदी ने पिछली बार रामलला के दर्शन किए थे. उस वक्त वे गुजरात बीजेपी के युवा नेताओं में शुमार थे. कन्याकुमारी से शुरू हुई तिरंगा यात्रा के साथ पीएम मोदी अयोध्या आए थे. तब अयोध्या फैजाबाद हुआ करता था और यहीं के जीआईसी मैदान में एक सभा को बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी के साथ नरेंद्र मोदी ने भी संबोधित किया था. इसी सभा से पहले नरेंद्र मोदी ने डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी के साथ रामलला के दर्शन भी किए थे.
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अयोध्या की एक फोटो, जो इतिहास बन गई
राम लला के दर्शन करते समय तत्कालीन राम मंदिर आंदोलन के अग्रसर नेताओं में शुमार मुरली मनोहर जोशी की फोटो खींची जा रही थी. इन्हीं में से एक फोटो में स्थानीय पत्रकार महेंद्र त्रिपाठी के कैमरे में जोशी के साथ नरेंद्र मोदी की भी फोटो कैप्चर हो गई. तब ये फोटो इतनी महत्वपूर्ण नहीं थी, जितनी मोदी की लोकप्रियता के साथ होती चली गई.
मोदी ने कहा था 'अगली बार राममंदिर निर्माण पर आएंगे'
बताया जाता है कि 1992 में ही अनौपचारिक बातचीत के दौरान नरेंद्र मोदी ने पत्रकारों से कहा था कि अब अगली बार अयोध्या राम मंदिर निर्माण के वक्त ही आएंगे. समय ने नरेंद्र मोदी की इस बात की लाज रखी और वक्त का पहिया ऐसा घूमा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप में 5 अगस्त 2020 को अयोध्या लौटे, वो भी राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखने.
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