राजेश एन अग्रवाल/कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर पुलिस की क्राइम ब्रान्च ने किडनी रैकेट के दो और अभियुक्तों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. खबर के मुताबिक इसमें आजमगढ़ का नितेश राय भी शामिल है. नितेश उर्फ सिप्पू आजमगढ़ से डोनर और रिसीवर के फर्जी दस्तावेज बनाकर लखनउ के गौरव मिश्रा को भेजता था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जानकारी के मुताबिक वह सन् 2012 से गौरव के सम्पर्क में था. इसके अलावा वो पूर्वान्चल से डोनरों को भी गिरोह के पास भेजता था. पीएसआईआई में पकड़े गये चारों अवैध मानव अंग प्रत्यारोपण के मामलों में फर्जी दस्तावेज नितेश राय ने ही तैयार किए थे.


एसआईटी के हत्थे चढ़ा दूसरा मुजरिम मोहित निगम है. मोहित किडनी रैकेट की शिकायत सबसे पहले पुलिस में दर्ज कराने वाली महिला संगीता को लम्बे समय से धमका रहा था. मोहित ने ही संगीता से किडनी दिलाने के बदले रिसीवर से अग्रिम धनराशि ली थी लेकिन संगीता के किडनी दिए बिना दिल्ली से भाग जाने के कारण रिसीवर उससे पैसे वापस मांग कर रहा था.


नितेश और मोहित को कानपुर कोर्ट में पेश करने के बाद न्यायिक हिसारत में जेल भेज दिया गया है. इस केस में गिरफ्तार पीएसआरआई के सीईओ डॉक्टर दीपक शुक्ला मीडिया के सामने लाए गए अन्तिम व्यक्ति है. इसके बाद जितने ही आरोपित क्राइम ब्रान्च ने गिरफ्तार किए हैं, उन्हें चुपके से कोर्ट के सम्मुख पेश किया गया है.


वहीं इस मामले में मीडिया को कोई भी अधिकारिक जानकारी देने से बचा जा रहा है. दोनों आरोपितों की तस्वीरें मीडिया उस समय अपने कैमरे में कैद कर सकीं जब उन्हें मेडिकल के लिए जिला अस्पताल लाया गया. इस केस में पुलिस द्वारा अचानक मीडिया से दूरी बना लेना कई सवाल खड़े करता है.