बलरामपुर: ISIS आतंकी अबू यूसुफ के घर से मिले 2 मानव बम जैकेट, विस्फोटक और भड़काऊ साहित्य
भाई आकिब ने बताया कि उसने अबु यूसुफ के कमरे में काले रंग के झंडे पर सफेद रंग से `अल्लाह हू अकबर ला इलाहा इल्लल्लाह मुहम्मदुन रसूलुल्लाह` लिखा देखा था. लेकिन उसे नहीं पता था कि यह आईएसआईएस झंडा है.
बलरामपुर: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार किए इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) के आतंकी अबू यूसुफ उर्फ मुस्तकीम के बलरामपुर स्थित घर से दो मानव बम जैकेट, बड़ी मात्रा में विस्फोटक, आईएसआईएस का झंडा और भड़काऊ साहित्य बरामद किया गया है. दिल्ली एटीएस ने इन सारी चीजों की बरामदगी की है. पुलिस से जुड़े सूत्रों की मानें तो जो मानव बम जैकेट बरामद किया गया है उसे फिदायीन हमले में इस्तेमाल किया जाना था. अबू यूसुफ के पिता मोबिन और भतीजे समेत तीन लोगों को पुलिस ने पूछताछ के लिए शनिवार रात हिरासत में लिया.
गिरफ्तार होने से दो दिन पहले आतंकी के पास आया था कोरियर
इनसे बलरामपुर के उतरौला कोतवाली में पूछताछ जारी है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक विस्फोटक को टेस्ट करने के लिए एक यूसुफ एक छोटा ब्लास्ट भी कर चुका है. आतंकी ने गांव के पास ही कब्रिस्तान में विस्फोटक की टेस्टिंग की थी. पुलिस की पूछताछ में यूसुफ के घरवालों ने बताया कि दिल्ली में गिरफ्तार होने से 2 दिन पहले उसका एक कोरियर भी आया था. अगले दिन वह लखनऊ जा रहा है यह बताकर घर से रवाना हुआ था. घरवालों ने पुलिस को बताया कि लखनऊ पहुंचने के बाद आतंकी यूसुफ ने मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया था.
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पिता बोले- बुजुर्गों ने जो इज्जत कमाई उसे यूसुफ ने मिट्टी में मिला दिया
आतंकी अबू यूसुफ के पिता वकील अहमद को अपने बेटे की करतूत पर अफसोस है. उन्होंने कहा कि बुजुर्गों ने जो इज्जत कमाई थी उसे अबू यूसुफ ने मिट्टी में मिला दिया. पिता के मुताबिक उन्होंने थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई थी. अगर मुझे कुछ भी पता होता इस बारे में तो उसको रोकता, घर से निकाल देता. पिता वकील अहमद ने बताया कि यूसुफ की रीढ़ की हड्डी में चोट लगी है, जिसका इलाज 2 साल से लखनऊ में चल रहा था.
बहन को बताया कि लखनऊ में मामा के घर रुकेगा, लेकिन नहीं पहुंचा था
बीते शुक्रवार को वह घर से बताकर निकला था कि लखनऊ जा रहा. अबू यूसुफ ने अपनी बहन को बताया था कि वह लखनऊ में अपने मामा के घर रुकेगा. लेकिन वह मामा के घर नहीं पहुंचा था और अपना फोन बंद कर लिया. भाई आकिब ने बताया कि उसने अबु यूसुफ के कमरे में काले रंग के झंडे पर सफेद रंग से 'अल्लाह हू अकबर ला इलाहा इल्लल्लाह मुहम्मदुन रसूलुल्लाह' लिखा देखा था. लेकिन उसे नहीं पता था कि यह आईएसआईएस झंडा है.
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