UP News: ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर आगरा और प्रयागराज में इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी बसाई जाएगी. इसकी तैयारी सरकार कर रही है. बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने ये बड़ा फैसला लिया है और देशभर में ऐसे 12 इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी बसाने को हरी झंडी दे दी है. इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी है. पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने इस फैसले को मंजूरी दी है. ये स्मार्ट सिटी राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर विकास कार्यक्रम (NIDCP) के तहत बसाए जाएंगे. उत्तर प्रदेश समेत देश के 10 राज्य इसके दायरे में होंगे. इसके पहले केंद्र सरकार ने आठ अगस्त को आठ नई हाईस्पीड कॉरिडोर को मंजूरी दी थी.


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नोएडा ग्रेटर नोएडा बड़ा इंडस्ट्रियल और एजुकेशनल हब बन चुका है. यहां जापान, कोरिया, चीन जैसी बड़ी कंपनियों की इंडस्ट्रियल यूनिट, डाटा सेंटर आदि हैं. साथ ही फिल्म सिटी, फ्रेट कॉरिडोर, आर्बिटल रेल, जेवर एयरपोर्ट जैसी बड़ी परियोजनाएं साकार हो रही हैं. ग्रेटर नोएडा एक बड़े एजुकेशनल हब के तौर पर भी उभरा हैं, जहां देश के नामी संस्थानों के इंजीनियरिंग कॉलेज, विश्वविद्यालय हैं. 


हाईस्पीड कॉरिडोर से बदलेगी सूरत
यूपी को अगस्त में ही तीन नए हाईवे कॉरिडोर की भी सौगात मिली है. केंद्र सरकार ने 2 अगस्त को हाईस्पीड रोड कॉरिडोर का ऐलान किया था. इस पर आर्थिक मामलों की केंद्रीय कैबिनेट समिति ने मुहर भी लगा दी है. यूपी के अयोध्या, कानपुर और आगरा को ये सौगात मिलेगी. रामनगरी अयोध्या में 4 लेन रिंग रोड, कानपुर में 6 लेन रिंग रोड और 6 लेन आगरा-ग्वालियर कॉरिडोर बनेगा. माना जा रहा है कि इससे पर्यटन, उद्योग, विकास की रफ्तार को बढ़ावा मिलेगा.


कैसी होगी इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी?
जानकारों की मानें तो इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी के तहत यहां बड़े औद्योगिक यूनिट तो लगेंगी ही, साथ ही आवासीय टाउनशिप भी बसाई जाएगी, ताकि ऐसे औद्योगिक हब में काम करने के लिए देश विदेश से आने वाले लोगों के लिए आवासीय सुविधाएं मिल सकें.


क्या होगा फायदा?
जानकारों की मानें तो इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी बनने से ताजनगरी आगरा और प्रयागराज के उद्योगों को तो फायदा होगा ही, इसके अलावा आसपास के जिलों के उद्योगों को भी लाभ मिलेगा. ये दोनों इंडस्ट्रियल सिटी ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के किनारे हैं. जिसकी वजह से आसपास के जिलों के मैन्युफैक्चर्ड गुड्स को पोर्ट तक पहुंचाना आसान हो जाएगा. खास तौर से आगरा से सटे फिरोजाबाद के ग्लास प्रॉडक्ट्स् और कन्नौज के इत्र को काफी फायदा होगा. प्रयागराज से सटे भदोही की बात करें तो इन नए शहरों के बसने से यहां के कारपेट उद्योग को भी फायदा होगा. इसके अलावा जब कनेक्टिविटी बेहतर होगी तो फ्रेट कॉरिडोर से परिवहन लागत कम होंगे और इसका सीधा फायदा उत्पादकों को होगा. आइए जानते हैं इन दोनों इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी की कनेक्टिविटी के बारे में...


आगरा इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी 
सड़क मार्ग से दूरी
यमुना एक्सप्रेस-वे : 2 किलोमीटर
एनएच-19 : 2 किलोमीटर


रेल मार्ग से दूरी
कुबेरपुर हाल्ट: 3 किलोमीटर
टूंडला : 18 किलोमीटर
आगरा कैंट : 21 किलोमीटर


प्रयागराज इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी
सड़क मार्ग से दूरी
एनएच-35 : प्रॉजेक्ट से सटा
एनएच-30 : 10 किलोमीटर


रेल मार्ग से दूरी
नैनी : 5 किलोमीटर
प्रयागराज जंक्शन :16 किलोमीटर


ये हैं वह 12 शहर, जो बनेंगे स्मार्ट 
खुरपिया - उत्तराखंड
राजपुरा-पटियाला - पंजाब
दिघी - महाराष्ट्र
पलक्कड़ - केरल
आगरा और प्रयागराज - उत्तर प्रदेश
गया - बिहार
जहीराबाद - तेलंगना
ओर्वाकल और कोप्पार्थी - आंध्र प्रदेश
जोधपुर और पाली - राजस्थान


कितना निवेश करेगी सरकार?
इन प्रोजेक्ट्स पर सरकार करीब ₹28,602 करोड़ का निवेश करेगी. इन इंडस्ट्रियल हब में 1.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश की क्षमता है. इस इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी के बनने से प्रत्यक्ष तौर पर 10 लाख और अप्रत्यक्ष तौर पर 30 लाख रोजगार पैदा होंगे. ये जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी है. 


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