UP Students Protest News: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के पीसीएस प्री और आरओ एआरओ एग्जाम दो दिन कराने के फैसले के खिलाफ छात्र आंदोलन कर रहे हैं. मुद्दे को लेकर सियासी दल भी एक्टिव हो गये हैं. सपा प्रमुख अखिलेश यादव से लेकर बसपा मुखिया मायावती और यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने मामले पर पोस्ट किया है. मौर्य ने कहा छात्रों की चिताएं गंभीर हैं. अधिकारी छात्रों की मांग को गंभीरता से सुनकर समाधान निकालें. यह तय किया जाए कि छात्रों का कीमती समय आंदोलन में नहीं, बल्कि उनकी तैयारी में लगे.


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केशव प्रसाद मौर्ट का पोस्ट
यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, "यूपी पीसीएस परीक्षा में एक से ज्यादा दिन का समय, प्राइवेट संस्थानों को सेंटर बनाने और मानक प्रक्रिया को लेकर छात्रों ने जो चिंताएं जाहिर की हैं, वो महत्वपूर्ण हैं. छात्र चाहते हैं कि एग्जाम बिना किसी धांधली के पारदर्शी तरीके से हो. जिससे उनकी मेहनत का फल मिले और भविष्य सुरक्षित रहे. छात्रों की मांगों को अधिकारी गंभीरता से सुनें और इनका समाधान निकालें."


डिप्टी सीएम ने आगे लिखा, "यह सुनिश्चित करें कि छात्रों का कीमती समय आंदोलन में नहीं, बल्कि उनकी तैयारी में लगे. न्यायालय में लंबित मामलों का भी शीघ्र समाधान निकाला जाए ताकि किसी छात्र का भविष्य अंधकार में न रहे.मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में भाजपा सरकार ने 2017 से भर्ती माफियाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाकर निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया की मिसाल पेश की है. लगभग 7 लाख युवाओं को नियुक्ति पत्र देकर सरकार ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय दिया है."



क्या बोले अखिलेश यादव?
अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा, "पूरे देश में एक साथ चुनाव तो करवा सकते हैं लेकिन एक प्रदेश में एक साथ परीक्षा नहीं. भाजपा के ढोंग का भंडाफोड़ हो गया है. भाजपा के एजेंडे में सिर्फ़ ‘चुनाव’ है और भाजपा राज में अभ्यर्थियों के हिस्से में आया सिर्फ़ ‘तनाव’ है."



मायावती ने भी किया पोस्ट
मायावती ने भी पोस्ट कर सरकार से सवाल किए हैं. बसपा प्रमुख ने कहा, "यूपीपीएससी की पीसीएस और आरओ एआरओ की प्री परीक्षा एक साथ न करा पाने से छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई की खबर का व्यापक चर्चा में रहना स्वाभाविक है. सवाल उठाया कि क्या यूपी के पास एक समय में परीक्षा कराने की बुनियादी सुविधाओं का इतना अभाव है कि पीसीएस आदि जैसी प्रमुख परीक्षा दो दिन में करानी पड़ रही है. पेपर लीक पर रोक व परीक्षाओं की विश्वसनीयता अहम मुद्दा, जिसके लिए एक बार में ही परीक्षा व्यवस्था जरूरी. सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए."



अब तक नहीं निकला समाधान
अधिकारी धरने पर बैठे प्रतियोगी छात्रों को समझाने बुझाने का प्रयास कर रहे हैं. डीएम रवींद्र कुमार और सीपी तरुण गाबा आयोग पहुंचे. अधिकारियों ने अभ्यर्थियों से धरना स्थल पर प्रदर्शन के लिए जाने का अनुरोध किया लेकिन अभ्यर्थी लोकसेवा आयोग के सामने से हटने को तैयार नहीं हैं. अभ्यर्थियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती वह पीछे नहीं हटेंगे. अभ्यर्थियों की मांग है कि पीसीएस 24 की प्री परीक्षा और आरओ एआरओ की परीक्षा एक दिन कराई जाए.


आयोग का क्या तर्क?
आयोग का कहना है कि उसके पास सीमित केंद्र हैं, केवल 41 जिलों में सरकारी स्कूलों में ये एग्जाम कराया जा सकता है. परीक्षाओं को नकलविहीन और छात्रों के भविष्य को देखते हुए परीक्षाएं केवल उन केंद्रों पर कराई जा रही हैं, जहां किसी प्रकार की गड़बड़ियों की कोई संभावना नहीं है. पूर्व में दूर-दराज के परीक्षा केंद्रों में कई प्रकार की गड़बड़ियां संज्ञान में आयी हैं, जिसे खत्म करने के लिए इन केंद्रों को हटाया गया है.


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