अवनीश सिंह/फतेहपुर: फेल होने के चलते सुसाइड की घटनाएं आपने खूब सुनी होंगी लेकिन क्या कोई 95.3 फीसदी अंक हासिल करने के बाद भी आत्महत्या कर सकता है, इस बात पर आपको भी हैरानी होगी. उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले से एक ऐसा ही मामला सामने आया है. जहां 600 में 572 नंबर हासिल करने के बाद भी छात्रा ने मौत का रास्ता चुना. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

टॉपर न बनना वजह
जानकारी के मुताबिक इसकी वजह छात्रा महज एक नंबर कम रह जाने से जिला टॉपर नहीं बन पाई थी. इस ख्वाब के अधूरा रह जाने के बाद छात्रा ने यह कदम उठाया. हाईस्कूल की छात्रा ने सोमवार रात फांसी के फंदे पर लटक कर जान दे दी. सुबह हुई जानकारी पर परिजनों में कोहराम मचा रहा. हालांकि परिजनों ने घटना की जानकारी पुलिस को नहीं दी है.


हासिल किए 95.3 फीसदी अंक
थाना क्षेत्र के पांडेयपुर गांव निवासी योगेंद्र सिंह बेटी 16 वर्षीय बेटी साक्षी देवी दसवीं कक्षा की छात्रा थी. परिजनों ने बताया कि साक्षी कृष्णा इंटर कॉलेज फिरोजपुर में पढ़ती थी. इसी साल 20 अप्रैल को हाईस्कूल की परीक्षा परिणाम जारी हुआ था. जिसमें वह 600 में 572 नंबरों के साथ 95.3 फीसदी अंक हासिल किए है.


पास होने पर किया गया था सम्मानित
बताया कि एक अंक से जिला टॉप बनने से वंचित रह गई थी. छात्रा पढ़ने में होनहार थी. अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होने पर विद्यालय में सम्मानित हुई थी. टॉप न कर पाने से छात्रा गुमशुम रहती थी. सोमवार रात बगल में बने पशुबाड़े में खड़े नीम के पेड़ पर रस्सी का फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली. 


सुबह जब मां पहुंची तो बेटी को फंदे पर लटकता देख परिजनों में कोहराम मच गया. परिजन रो-रो कर बेहाल थे. थाना प्रभारी सत्यपाल सिंह ने बताया कि इस संबंध में परिजनों की ओर से कोई जानकारी नहीं मिली है.