Gyanvapi Case: पूरे ज्ञानवापी परिसर के ASI सर्वे के विरोध में मुस्लिम पक्ष, हिन्दू पक्ष 2 हफ्ते में देगा जवाब
Gyanvapi ASI Survey Case: ज्ञानवापी मामले को लेकर सीनियर जज सिविल डिवीजन और जिला सत्र न्यायालय में मुकदमे चल रहे हैं. गुरुवार को ज्ञानवापी के शेष हिस्सों के एएसआई सर्वे पर सुनवाई हुई.
Gyanvapi ASI Survey Case: ज्ञानवापी में बने वजूखाने समेत पूरे परिसर के एएसआई सर्वे की मांग के मामले में गुरुवार को सुनवाई हुई. मुस्लिम पक्ष की तरफ से हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया गया. हिंदू पक्ष ने जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा. कोर्ट ने हिंदू पक्ष को दो सप्ताह का जवाबी हलफनामा दाखिल करने का समय दिया और सुनवाई की नई तारीख दे दी. 9 सितंबर को अब मामले में अगली सुनवाई होगी. हिंदू पक्ष राखी सिंह की तरफ़ से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. याचिका में ज्ञानवापी स्थित वजूखाने का एएसआई से सर्वे की मांग की गई है.
वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में स्थित वजूखाने का भी सर्वेक्षण एएसआई आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से कराए जाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में सुनवाई चल रही है. हिंदू पक्षकार राखी सिंह की सिविल रिवीजन पिटीशन पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. पिछली तारीख पर मुस्लिम पक्ष के वकील कोर्ट में पेश नहीं होने के चलते सुनवाई टल गई थी. ज्ञानवापी के शेष हिस्सों के एएसआई सर्वे पर सुनवाई हुई. मूलवाद के वादमित्र विजय कुमार रस्तोगी ने ज्ञानवापी के बाकी हिस्सों में सर्वे करने संबंधित अर्जी पर बहस पूरी कर ली थी.
सिविल जज सीनियर डिवीजन रितेश अग्रवाल की कोर्ट ने बुधवार को ज्ञानवापी मामले में दाखिल नए वाद को मूल वाद रूप में दर्ज करने के आदेश दिए हैं. इसमें अब सुनवाई 23 अगस्त को होगी. कोर्ट ने वृंदावन के कथावाचक कौशल किशोर ठाकुर को वादियों की ओर से वादमित्र के तौर पर पैरवी करने की अनुमति दी है. कथावाचक के द्वारा जारी किए गए वाद में कहा गया है कि ज्ञानवापी परिसर की सफाई करने और अन्य कमरों को अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी से मुक्त कराकर हिंदुओं को सौंप दिया जाए. मुस्लिम पक्ष को मामले में अपना जवाब दाखिल करना है, दोपहर 2 बजे जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच में सुनवाई होगी. राखी सिंह की तरफ़ से हाईकोर्ट में दाखिल की गई है याचिका।
पूजा-अर्चना की इजाजत दी गई
बता दें वाराणसी जिला कोर्ट की तरफ से ज्ञानवापी परिसर के तहखाने में पूजा-अर्चना की अनुमति दे दी गई थी. जिला कोर्ट के आदेश के बाद तहखाने में पूजा-अर्चना हो रही है. काशी विश्वनाथ मंदिर के अधिकारी स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर इसका प्रबंध कर रहे हैं. फिलहाल श्रद्धालु परिसर की सीमा पर लगाए गए बैरिकेड्स के पास से एक झरोखे (खिड़की) से तहखाने को देख सकते हैं.
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