Prayagraj News: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 2025 में होने वाले महाकुंभ की तैयारियों में तेजी के बीच अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने 'शाही स्नान' के नाम को बदलने का प्रस्ताव देकर नया विवाद खड़ा कर दिया है. परिषद ने सुझाव दिया है कि 'शाही स्नान' का नाम बदलकर 'राजसी स्नान' रखा जाए, जो कि सनातन परंपराओं के अधिक अनुकूल है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने बयान जारी कर कहा कि 'शाही' शब्द उर्दू का है और इसे मुगलों ने गढ़ा था. उन्होंने कहा कि इस शब्द का प्रयोग गुलामी का प्रतीक है और इसे बदलकर 'राजसी स्नान' कहा जाना चाहिए, जो संस्कृत का शब्द है और सनातनी परंपराओं का प्रतीक है. 


रवींद्र पुरी ने यह भी बताया कि वह इस मुद्दे पर सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श करेंगे. उनका मानना है कि 'शाही' और 'राजसी' में कोई अंतर नहीं है, लेकिन 'राजसी' शब्द हमारी प्राचीन परंपराओं से अधिक मेल खाता है.


ये भी पढ़ें: प्र और यज्ञ से कैसे बना प्रयागराज? इलाहाबाद का नाम बदलने को कैसे चली 85 साल लंबी लड़ाई? जानें प्रयागराज का इतिहास


 


सीएम योगी ने महाकुंभ की तैयारियों की समीक्षा की
इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी प्रयागराज का दौरा कर महाकुंभ की तैयारियों की समीक्षा की. उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि महाकुंभ के लिए सभी कार्य समय पर पूरे किए जाएं. मुख्यमंत्री ने मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत से जानकारी ली कि तैयारियां कैसे चल रही हैं और उन्हें कब तक पूरा किया जाएगा. मंडलायुक्त ने आश्वासन दिया कि सभी योजनाएं तय समय में चल रही हैं और इनकी नियमित समीक्षा की जा रही है.


महाकुंभ 2025 के शुरुआत में आयोजित किया जाएगा, और इसमें करोड़ों श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही महाकुंभ की तैयारियों की व्यापक समीक्षा की जाएगी.



उत्तर प्रदेश नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें UP News और पाएं Prayagraj Latest News हर पल की जानकारी । उत्तर प्रदेश की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!