मो.गुफरान/प्रयागराज: उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) से सहायक अध्यापक को बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने पुरानी पेंशन स्कीम में शामिल किए जाने की मांग को खारिज कर दिया है. बता दें कि नई पेंशन स्कीम लागू होने के बाद सहायक अध्यापक की नियुक्ति हुई थी. गाजीपुर निवासी सुषमा यादव की विशेष अपील पर हाईकोर्ट की डिविजन बेंच ने यह आदेश दिया है जिसके बाद याची को राहत नहीं मिली.


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डिविजन बेंच में चुनौती 
सिंगल बेंच के मार्च 2024 के आदेश को डिविजन बेंच में चुनौती दी गई थी. सिंगल बेंच ने पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ देने से इंकार कर दिया था. याची  सुषमा याद ने सिंगल बेंच के आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में विशेष अपील दाखिल कर चुनौती दी थी. 


एनपीएस लागू होने से पहले हुआ सिलेक्शन
याची के मुताबिक उसका चयन 1 अप्रैल 2005 को एनपीएस (NPS) लागू होने से पहले हुआ था. मार्च 1998 में याची ने सहायक अध्यापक पद (assistant teacher post) पर नियुक्ति के लिए आवेदन किया था. कानूनी अड़चनों के बीच साल 2006 में याची की नियुक्ति हुई. 


हाईकोर्ट ने खारिज की दलील
याची के वकील ने कहा चयन प्रक्रिया यदि नई पेंशन स्कीम लागू होने से पहले शुरू हो चुकी है तो वह नियुक्ति के बाद पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ पाने का हकदार है. वहीं सरकारी वकील ने याची की दलीलों का विरोध किया. हाईकोर्ट ने सभी पक्ष को सुनने के बाद अपील को खारिज कर दिया.


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