UP Police News in Hindi: उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व आईपीएस अधिकारी डीके पांडा फिर चर्चा में हैं. राधा के रूप में सोलह शृंगार कर पुलिस कार्यालय में प्रवेश कर वो काफी चर्चा में हैं. प्रयागराज में बाबा कृष्णानंद के नाम से प्रसिद्ध पांडा ने हाल ही में 381 करोड़ रुपये की साइबर ठगी का आरोप लगाते हुए धूमनगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है. उनका दावा है कि यह रकम उन्होंने ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से एक लंदन की कंपनी फिन्नीएक्स ग्रुप डॉट कॉम में निवेश से अर्जित की थी, लेकिन अभी तक उनके बैंक खाते में नहीं आई.


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डीके पांडा से कैसे हुई ठगी
पांडा ने पुलिस को बताया कि उनकी ऑनलाइन पहचान राहुल नामक व्यक्ति से हुई थी, जिसके सुझाव पर उन्होंने फिन्नीएक्स में निवेश किया. उन्हें 381 करोड़ रुपये का लाभ दिखाया गया, लेकिन बैंक जाने पर पता चला कि राशि उनके खाते में नहीं आई है. शिकायत दर्ज कराने के बाद एक व्यक्ति, जिसने खुद को साइसेक साइप्रस का कर्मचारी आरव शर्मा बताया था उनसे संपर्क किया गया.  आरव ने रकम की निकासी के लिए टैक्स और ट्रांजेक्शन फीस के नाम पर 8 लाख रुपये की मांग की. पांडा के मना करने पर आरव ने उन्हें धमकाया कि उनके दस्तावेज़ों का उपयोग टेरर फंडिंग में किया जाएगा, जिससे वे गंभीर कानूनी परेशानी में फंस सकते हैं.


ओडिशा के मूल निवासी डीके पांडा 1971 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे हैं और 2005 में आईजी के पद पर कार्यरत थे. राधा के रूप में उनके कार्य व्यवहार ने पुलिस विभाग में हलचल मचा दी थी, जिसके बाद उन्होंने रिटायरमेंट से पहले ही इस्तीफा दे दिया था. बाद में, 2015 में, उन्होंने "कृष्णानंद" का नाम धारण कर अपना जीवन भगवान कृष्ण को समर्पित कर दिया. पांडा अब मामले की सीबीआई और एनआईए जांच की मांग कर रहे हैं, और पुलिस मामले की गहन जांच में जुटी है.


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