Prayagaraj Mahakumbh mela 2025: शाही स्नान से राजसी स्नान और पेशवाई से छावनी प्रवेश, महाकुंभ में बड़ा बदलाव
Prayagraj Mahakumbh Mela 2025: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने शाही स्नान और पेशवाई के जगह नए नामो का प्रसतगव रखा गया, दिपावली के बाद दोनों नामों के बदले जानें का औपचारिक ऐलान होगा, सीएम योगी खुद दोनों नामो का औपचारिक ऐलान करेंगे.
Prayagraj Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ के लिए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. अखाड़ा परिषद ने शाही स्नान की जगह राजसी स्नान और पेशवाई की जगह छावनी प्रवेश करने का फैसला किया है. यह निर्णय गहन मंथन और विचार विमर्श के बाद लिया गया है और इसके लिए लिखित प्रस्ताव सरकार को भेज दिया गया है.
दिपावली के बाद इस बदलाव का औपचारिक ऐलान होगा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इस बदलाव की घोषणा करेंगे. यह बदलाव महाकुंभ के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ेगा और इस आयोजन को और भी भव्य बनाएगा.
महाकुंभ का महत्व
महाकुंभ हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण आयोजन है, जो हर 12 वर्ष में आयोजित किया जाता है. यह आयोजन प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर होता है. महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं और इस आयोजन के दौरान कई महत्वपूर्ण अनुष्ठान और समारोह आयोजित किए जाते हैं.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की भूमिका
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद महाकुंभ के आयोजन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. अखाड़ा परिषद संतों और महंतों की एक संगठन है, जो महाकुंभ के आयोजन के लिए आवश्यक व्यवस्था करती है. अखाड़ा परिषद के निर्णय महाकुंभ के आयोजन के लिए महत्वपूर्ण होते हैं और इस बदलाव का स्वागत किया जा रहा है.
नाम बदलाव का महत्व
शाही स्नान से राजसी स्नान और पेशवाई से छावनी प्रवेश करने का निर्णय महाकुंभ के आयोजन को और भी भव्य बनाएगा. यह बदलाव महाकुंभ के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ेगा और इस आयोजन को और भी महत्वपूर्ण बनाएगा. महाकुंभ के लिए यह बदलाव एक नए युग की शुरुआत करेगा और इस आयोजन को और भी आकर्षक बनाएगा.
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