लखनऊ: कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने राज्य में अपराध की बढ़ती घटनाओं को लेकर एक बार फिर योगी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने बीते दिनों विधानसभा में दिए गए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भाषण को आधार बनाकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है. सीएम योगी ने अपने भाषण में कहा था, ''अभी तो हमारी सरकार के डेढ़ साल बचे हैं. हम अब तक 120 की रफ्तार से काम कर रहे थे तो अब 250 की रफ्तार से काम करेंगे. हमारी इस रफ्तार के सामने विपक्षी टिक नहीं पाएंगे क्योंकि उन्हें काम करने की आदत ही नहीं रही है.''



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सीएम योगी के इसी बयान को लेकर प्रियंका गांधी ने उन पर तंज कसते हुए ट्वीट किया, ''यूपी के सीएम सरकार की स्पीड बताते हैं और अपराध का मीटर उससे दोगुनी स्पीड से भागने लगता है. प्रत्यक्षम् किम् प्रमाणम्.'' उन्होंने एक ग्राफ शेयर करते हुए 23 और 24 अगस्त को यूपी में हुए अपराधों का जिक्र किया है. प्रियांका ने लिखा है, ''ये यूपी में केवल दो दिनों का अपराध का मीटर है. यूपी सरकार बार-बार अपराध की घटनाओं पर पर्दा डालती है मगर अपराध चिंघाड़ते हुए प्रदेश की सड़कों पर तांडव कर रहा है.''


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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पत्रकारों की हत्या को लेकर भी योगी सरकार को घेरा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''19 जून - श्री शुभममणि त्रिपाठी की हत्या, 20 जुलाई - श्री विक्रम जोशी की हत्या, 24 अगस्त- श्री रतन सिंह की हत्या. पिछले 3 महीनों में 3 पत्रकारों की हत्या.11 पत्रकारों पर खबर लिखने के चलते एफआईआर हो चुकी है. यूपी सरकार का पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतंत्रता को लेकर ये रवैया निंदनीय है.'' इससे पहले भी प्रियंका गांधी यूपी में अपराध कंट्रोल के मुद्दे पर योगी सरकार को घेरती रही हैं. हालांकि, योगी सरकार के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में आपराधिक वारदातों में कमी आई है.



सरकार ने पेश किया पिछले 9 वर्षों का आंकड़ा, यूपी में अपराध कम हुए
उत्तर प्रदेश गृह विभाग ने बीते दिनों पिछले 9 वर्षों का आकड़ा प्रस्तुत करते हुए बताया कि प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद अपराधों में कमी आई है. यूपी गृह विभाग के आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में डकैती की वारदातों में साल 2016 के मुकाबले 2020 में 74.50% और 2012 के मुकाबले 74.67% की गिरावट दर्ज हुई है. इसके अलावा लूट की वारदातों में 2016 के मुकाबले 2020 में 65.29% और 2012 के मुकाबले 2020 में 54.25% की गिरावट हुई है. फिरौती की वारदातों में साल 2016 और 2012 के मुकाबले 2020 में क्रमश: 54.55% और 64.29% की कमी आई है.


सरकारी आंकड़ों के मुताबिक हत्या-बलात्कार के मामलों में कमी आई
उत्तर प्रदेश गृह विभाग के मुताबिक राज्य में हत्या की वारदातों में भी 2012 और 2016 के मुकाबले 2020 में क्रमशः 26.43% और 29.74% की कमी आई है. अगर बलात्कार के मामलों की बात करें तो 2013 और 2016 के मुकाबले 2020 में क्रमश: 25.94% और 38.74% की कमी आई है. उत्तर प्रदेश में पोक्सो एक्ट के मामलों में प्रभावी पैरवी करते हुए 1 जनवरी 2019 से  30 जून 2020 तक 922 मुकदमों में आरोपियों को सजा हुई है. इनमें कोर्ट द्वारा 5 को मृत्युदंड, 193 को उम्र कैद और 724 को अन्य सजा दी गई है.


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सराकरी आंकड़ों के मुताबिक गुंडों-माफियाओं ​के विरूद्ध प्रभावी कार्रवाई हुई
इसके अलावा योगी सरकार बनने के बाद उत्तर प्रदेश में गुंडा अधिनियम, गैंगस्टर एक्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत अपराधियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई हुई है. गुंडा अधिनियम के तहत साल 2012 में 12,149 वहीं, वर्ष 2016 में 13,615 मुकदमे दर्ज हुए थे, जबकि 2020 के पहले 7 महीनों में 17,908 मामले दर्ज हुए हैं. गैंगस्टर एक्ट के तहत 2012 में 1313, वर्ष 2016 में 1716 जबकि 2020 में 2346 मुकदमे दर्ज हुए हैं. इसी प्रकार रासुका के तहत साल 2012 में 44 और 2016 में 82 मामलों में कार्रवाई हुई, जबकि 2020 में अब तक 112 मामलों में रासुका की कार्रवाई हुई है.


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