फिल्म 'पा' में अमिताभ बच्चन ने जिस दुर्लभ बीमारी प्रोजेरिया (Hutchinson-Gilford Progeria Syndrome) से जूझ रहे एक बच्चे की भूमिका निभाई थी, वही बीमारी एक और टीनएजर की जान ले गई.
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फिल्म 'पा' में अमिताभ बच्चन ने जिस दुर्लभ बीमारी प्रोजेरिया (Hutchinson-Gilford Progeria Syndrome) से जूझ रहे एक बच्चे की भूमिका निभाई थी, वही बीमारी एक और टीनएजर की जान ले गई. इस बीमारी से जूझ रही दक्षिण अफ्रीका की 19 वर्षीय बेएंड्री बोयसन ने हाल ही में अपनी आखिरी सांस ली.
बेएंड्री प्रोजेरिया के कारण उम्र से आठ गुना तेजी से बूढ़ी हो रही थीं. आमतौर पर इस बीमारी के मरीज 14 साल से ज्यादा नहीं जी पाते, लेकिन बेएंड्री ने अपनी दृढ़ता और जज्बे के साथ इस सीमा को पार किया. सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर्स के साथ, वह दुनिया भर में एक प्रेरणा बन गईं.
क्या है प्रोजेरिया?
प्रोजेरिया एक दुर्लभ जेनेटिक बीमारी है, जो 40 लाख में से किसी एक बच्चे को प्रभावित करती है. इसमें बच्चों की उम्र तेजी से बढ़ती है. इस बीमारी से पीड़ित बच्चों में ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का कमजोर होना), दिल की बीमारियां और अन्य वृद्धावस्था से जुड़ी समस्याएं समय से पहले हो जाती हैं.
बेएंड्री का जीवन संघर्ष
बेएंड्री का जन्म Hutchinson-Gilford Progeria Syndrome के साथ हुआ था. वह महज 7 महीने की उम्र में इस बीमारी से ग्रस्त पाई गई थीं. अपनी उम्र के बावजूद, वह सिर्फ 12 किलो की थीं और सामान्य बच्चों की तरह स्कूल जाती थीं. उनका सपना था कि वह 25 साल की उम्र में शादी करें, जुड़वां बच्चों की मां बनें और एक शिक्षक के रूप में काम करें.
इस बीमारी का इलाज नहीं
फिलहाल, प्रोजेरिया का कोई इलाज नहीं है. इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति की औसत उम्र 14 साल होती है, लेकिन बेएंड्री जैसे कुछ लोग इसे पार कर जाते हैं.
सोशल मीडिया पर प्रेरणा बनीं बेएंड्री
बेएंड्री ने 2.69 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स के साथ TikTok और अन्य प्लेटफॉर्म पर अपनी अनोखी जिंदगी को शेयर किया. वह लोगों को यह संदेश देना चाहती थीं कि हर व्यक्ति अपनी अलग विशेषताओं के साथ अनमोल है. उनकी मां ने बताया कि बेएंड्री ने अपनी जिंदगी पूरी हिम्मत और पॉजिटिविटी के साथ जी.