बिजनौर: CAA (Citizenship Amendment Act) को लेकर जहां एक तरफ देश में हिंसा और आगजनी हो रही है. तो वहीं हिंसा की आग में अब राजनीतिक रोटियां भी सिकने लगी हैं. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में राजनीतिक बयानबाजी और आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरु हो गया है. वहीं इन सबके बीच रविवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi Vadra) ने नागरिकता कानून के खिलाफ हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात की और सांत्वना दी.


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दरअसल, 20 दिसंबर को नजीबाबाद नहटौर और शहर क्षेत्र में उपद्रवियों द्वारा कई जगहों पर आगजनी की गई, साथ ही कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया. इस घटना में जनपद के नहटौर क्षेत्र में गोली लगने से अनस और सुलेमान की मौत हो गई थी. साथ ही 3 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे.


आज पीड़ित परिजनों से मुलाकात करने पहुंची प्रियंका गांधी ने एक बार फिर कहा कि बिल देशहित में नहीं है. इस एक्ट की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि CAA को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन में मारे गए लोगों की मौत अजीब परिस्थितियो में हुई है. इस पूरी घटना की जांच होनी चाहिए. उधर, परिजनों का आरोप है कि जब वो मुकदमा लिखवाने थाने गए तो पुलिस ने उल्टा उन्हीं पर मुकदमा दर्ज करने की बात कहकर भगा दिया.


CAA को लेकर प्रियंका गांधी ने कहा कि झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोग कहां से 1971 का कागज दिखाएंगे. साथ ही प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "अर्थव्यवस्था डूब रही है, जीडीपी कभी इतनी नीचे नहीं गई, जितनी आज है. बेरोज़गारी हद से बाहर है. प्रधानमंत्री जी और सरकार ने ध्यान भटकाने के लिए ये कानून निकाला है. असली मुद्दों पर सरकार ध्यान दे. छात्र और जनता क्या कह रही है, उसे सुने."