विनोद कांडपाल/उत्तराखंड:  नैनीताल हाईवे से अतिक्रमण हटाने के मामले को लेकर लोक निर्माण विभाग अब बैकफुट पर आ गया है. पिछले 1 महीने के अंदर व्यापारी और अन्य लोगों को भेजे गए करीब 900 से अधिक नोटिस को पीडब्ल्यूडी ने निरस्त कर दिया है. नोटिस को निरस्त करने की वजह नैनीताल हाइवे के मूल दस्तावेज उपलब्ध न होना बताया जा रहा है. देर रात तक चली बहस बाजी के बाद लोक निर्माण विभाग में सभी नोटिस को निरस्त करने, रेड मार्क को हटाने की बात कही है.


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देर रात तक चला हंगामा 
 नैनीताल हाईवे में तीनपानी से काठगोदाम नरीमन चौराहे तक अतिक्रमण हटाने के मामले में देर रात तक हंगामा चलता रहा. मेयर, व्यापारी और प्रशासन की संयुक्त बैठक में लोक निर्माण विभाग हल्द्वानी ने व्यापारियों को भेजे करीब 900 से अधिक नोटिस निरस्त कर दिये हैं. लोक निर्माण विभाग ने इसके पीछे हाईवे के मूल दस्तावेज न होने को कारण बताया है. लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता के मुताबिक लीनियर चार्ट के आधार पर अतिक्रमण चिह्नित कर नोटिस जारी किए गए थे. लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से हाईवे की भूमि के संबंध में मूल अभिलेख प्राप्त नहीं हुए हैं.


व्यापारियों ने लोक निर्माण विभाग से सवाल किये
नैनीताल हाईकोर्ट के निर्देश के बाद लोक निर्माण विभाग में पिछले महीने अतिक्रमण चिह्निकरण की कार्रवाई शुरू की, विभाग के पास मौजूद डेटा में हल्द्वानी में काठगोदाम नरीमन चौराहे से तीनपानी तक करीब 10 किमी के दायरे में 30 मीटर की चौड़ाई दर्ज है. पिछले 1 महीने के अंदर लोक निर्माण विभाग में सारे अतिक्रमण चिह्नित कर रेड मार्क लगाने शुरू किया तो व्यापारियों में हड़कंप मच गया, इसके दौरान व्यापारियों ने लोक निर्माण विभाग से कई सवाल किये.
बता दें, मेयर की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद यह तय हुआ कि पीडब्ल्यूडी सारे रेड मार्क को हटाने का काम करेगा, साथ ही नेशनल हाईवे का चौड़ीकरण किया जाना है तो उसके लिए नेशनल हाईवे के मूल दस्तावेजों को खोज कर अतिक्रमण को चिन्हित किया जा सकता है. 


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