अमित सोनी/ललितपुर: नोटबंदी से लेकर लॉकडाउन तक जरूरी सामान और बैंक के काम के लिए लोगों को लंबी कतारों में खड़े देखना कोई नई बात नहीं है. ललितपुर के एक बैंक के बाहर हर रोज पैसे निकालने के लिए लाइन तो लगती है, लेकिन इंसानों की नहीं, उनकी चप्पलों की. ये अनोखा नजारा हमारे लिए भले ही अलग हो लेकिन आस-पास के लोगों के लिए ये आम बात है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पंजाब नेशनल बैंक की शाखा के बाहर लगी चप्पलों की लाइन 
ललितपुर के कस्बा बार में पंजाब नैशनल बैंक की एक शाखा के बाहर रोजाना चप्पलों की लाइन लगती है. उपभोक्ता अपना जल्दी नंबर आने के लिये सुबह 5 बजे से ही अपनी चप्पलें बैंक के बाहर लगा देते हैं. कोरोना काल और लॉकडाउन की वजह मनरेगा के पैसे सरकारी मदद ही गरीबों और मजदूरों का एक मात्र सहारा बना हुआ है. आम लोगों को भी अपनी जमा पूंजी का ही इस्तेमाल करना पड़ रहा है, ऐसे में बैंक जाना उनकी जरूरत है. बैंक में रोजाना इसी तरह भीड़ लगती है. ऐसे में लोगों ने खुद खड़े होने के बजाय चप्पलें लाइन में लगानी शुरू कर दी हैं. 


इसे भी देखिए : काशी में खुल गया बाबा का दरबार, श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए याद रखनी होंगी ये बातें 


तेज धूप में नंबर का इंतजार करती हैं चप्पलें 
कई बार भीड़ की वजह से लोगों को पूरा-पूरा दिन बैंक के बाहर लंबी लाइन में खड़े होकर बीत जाता है. तेज धूप में खुद खड़े होकर इंतजार करने की जगह लोगों ने अपनी चप्पलों और जूतों को प्रतीकात्मक रूप से लाइन में लगाना शुरू कर दिया है. 


मौकापरस्तों ने यहां भी शुरू कर दी धांधली 
आम लोग बताते हैं कि यहां भी मौकापरस्तों ने धांधली शुरू कर दी है. अब आलम यह है कि चप्पलों की लाइन में कुछ लोग अपनी चप्पलों को आगे लगाकर मजबूर बैंक ग्राहकों से अपनी चप्पल की जगह उनकी चप्पल लाइन में लगाने के एवज में 50 से 100 रुपये वसूल लेते हैं.  बैंक में अपना नम्बर आने के इंतजार में लोग कई बार महामारी के काल में भी मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में भूल जाते हैं जबकि बैंक प्रबंधन को न ही भीड़ से मतलब है न ही वो किसी तरह की व्यवस्था में दिलचस्पी ले रहा है.


WATCH LIVE TV