Chhath Puja 2023: हर साल कार्तिक मास में शुक्‍ल पक्ष की षष्‍ठी को छठ पर्व मनाया जाता है. चार दिन तक चलने वाले छठ पर्व का हिन्‍दू धर्म में विशेष महत्‍व है. छठ का व्रत संतान की लंबी उम्र और उज्‍जवल भविष्‍य के लिए रखा जाता है. छठ पर्व को सबसे कठिन पर्व माना गया है. लेकिन बहुत कम ही लोगों को पता है कि छठ का व्रत सिर्फ महिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुष भी व्रत रखते हैं. तो आइये जानते हैं इसकी मान्‍यता. 


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कब है छठ  
इस बार छठ पर्व की शुरुआत 18 नवंबर दिन शनिवार सुबह 9 बजकर 18 मिनट से हो रही है. छठ का समापन अगले दिन 19 नवंबर दिन रविवार सुबह 7 बजकर 23 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार छठ पूजा 19 नवंबर को है. पहला दिन नहाय-खाय होता है. इस बार नहाय-खाय 17 नवंबर को है. इस दिन सूर्योदय 6 बजकर 45 मिनट पर होगा. वहीं, सूर्यास्‍त शाम 5 बजकर 27 मिनट पर होगा. 


पुरुष भी रख सकते हैं व्रत 
यूपी, बिहार समेत दिल्‍ली जैसे राज्‍यों में छठ पर्व मनाया जाता है. शास्‍त्रों के मुताबिक, छठ का व्रत महिलाओं के साथ पुरुष भी रख सकते हैं. जितना फल इस व्रत के प्रभाव से महिलाओं को मिलता है, उतना ही फल पुरुष के व्रत रखने पर भी मिलता है. छठ का व्रत रखने से पुरुषों की हर मनोकामना पूर्ण होती है. घर परिवार में खुशहाली आती है. 


महाभारत काल में कर्ण ने रखा था व्रत 
बताया जाता है कि महाभारत काल में सूर्य पुत्र कर्ण ने भी छठ का व्रत रखा था. इससे वह शक्तिशाली बन गए थे. कर्ण हर दिन कमर तक पानी में खड़े होकर भगवान सूर्य की पूजा करते थे और उन्हें अर्घ्य देते थे. इसके बाद कर्ण जरूरतमंद को दान भी देते थे. छठ व्रत रखने वालों का ध्‍यान रखना चाहिए कि व्रत के बाद प्रसाद का वितरण सबको करना चाहिए. इसके अलावा जरूरतमंदों को दान करना चाहिए. 


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