Devshayani Ekadashi 2023: आज देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2023 Vrat)  है. हिंदू धर्म में इसका खास महत्व होता है. आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को इसका व्रत रखते हैं. देवशयनी एकादशी को शयनी एकादशी, महा एकादशी, प्रतिमा एकादशी, पद्मा एकादशी, देवपद एकादशी, आषाढ़ी एकादशी और टोली एकादशी, प्रबोधनी एकादशी भी कहा जाता है. शास्त्रों के मुताबिक, भगवान विष्णु इस दिन से चार महीने के लिए पाताल लोक में शयन के लिए चले जाते हैं. विश्राम के बाद कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुनः पृथ्वी लोक आते हैं. जगत के पालनहार के दौरान सृष्टि का संचालन महादेव करते हैं. देवशयनी एकादशी पर कुछ कार्यों को वर्जित माना गया है. ऐसे में आइये जानते हैं देवशयनी एकादशी पर किन चीजों की मनाही है. 


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देवशयनी एकादशी का शुभ मुहूर्त (Devshayani Ekadashi 2023 Shubh Muhurat)
इस साल देवशयनी एकादशी 29 जून को है. 
एकादशी तिथि प्रारंभ - 29 जून, गुरुवार, रात 09:59 बजे से 
एकादशी तिथि समाप्त- 30 जून, शुक्रवार, रात 07:17 बजे


देवशयनी एकादशी पर भूलकर भी ना करें ये काम (Don't Do theseDevshayani Ekadashi 2023)
1. चातुर्मास में कुछ चीजों का सेवन करना वर्जित माना गया है. देवशयनी एकादशी पर तामसिक भोजन करने से बचना चाहिए. इस दिन भूलकर भी प्याज-लहसुन, मांस-मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए. 


2. देवशयनी एकादशी वाले दिन भूलकर भी चावल नहीं खाना चाहिए. इसके अलावा चावल से बनी अन्य चीजें जैसे- पोहा, पुलाव आदि भी न खाएं. शास्त्रों में एकादशी पर चावल खाने की मनाही है. कहा जाता है कि एकादशी पर चावल का सेवन करने से व्यक्ति के जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.


3. इस दिन आपको दूसरों के प्रति घृणा, गुस्सा और गलत विचार के साथ बुरे कामों से दूर रहना चाहिए. किसी से बुरा व्यवहार नहीं करना चाहिए. मन में केवल भगवान के प्रति आस्था और भक्ति का भाव होना चाहिए. इसके अलावा झूठ नहीं बोलना चाहिए. ऐसा करने से पाप लगता है


4. देवशयनी एकादशी का व्रत रखने वाले को पूरी तरह से ब्रह्मचर्य का पालन करें. अपने मन में गंदे विचार नहीं लाने चाहिए. अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखें और भक्ति में मन लगाएं. 


5. एकादशी वाले दिन बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए. खासकर व्रत रखने वाले को जमीन पर चटाई डालकर सो सकते हैं. ऐसा करने से भगवान सूर्य प्रसन्न होते हैं. एकादशी की सुबह दातून करना वर्जित है. इस दिन किसी पेड़-पत्ती की फूल-पत्ती तोड़ना वर्जित है.


Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है.  सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा.  


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