Ganesh Chaturthi 2023:  हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो भगवान गणेश की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है.  यह त्योहार भाद्रपद महीने में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को आता है और दस दिनों तक बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. देश भर में 19  सितंबर से शुरू हो गया है और  28 सितंबर 2023 तक चलेगा. इस दिन घर-घर में गणपति बप्पा की स्थापना होती है. इसे विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. इस उत्सव के आखिरी दिन को गणेश विसर्जन के रूप में मनाया जाता है. हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय देव कहा जाता है. किसी भी शुभ या मांगलिक काम में इनकी पूजा सबसे पहले होती है. ज्योतिष के मुताबिक हमें गणेश जी स्थापना से पहले उस दिशा और जगह के बारे में जान लेना चाहिए जो शुभ हो. आइए इस लेख में जानते हैं इसके बारे में...


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ईशान कोण में स्थापित करें गणेश जी को विराजमान
घर में श्री गणेश की मूर्ति को स्थापित करने से पहले दिशा और कोण की सारी जानकारी ले लेनी चाहिए. सही दिशा और सही जगह पर श्रीगणेश की प्रतिमा स्थापित करने से घर-व्यापार में खूब लाभ होता है. ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक घर में अगर आप भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करने जा रहे हैं तो ये घर के ईशान कोण में ही होनी चाहिए. इसको पूरे विधि-विधान के साथ स्थापित करें. बता दें कि पूर्वी और उत्तर दिशा का जो कोना होता है, उसे ही ईशान कोण कहते हैं.


इस तरफ लगाएं प्रतिमा
घर के मुख्य दरवाजे  भगवान गणेश जी की मूर्ति लगाएं तो ये जरूर ध्यान रहे कि दक्षिण की तरफ जो उनकी सूंड जाती है वहीं पर मूर्ति लगाएं. अगर घर के अंदर चौखट पर लगाते हैं तो बाएं दिशा की तरफ जो सूंड जाती है उस तरफ प्रतिमा को लगाएं. 


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इस दिशा में नहीं रखें मूर्ति
घर के दक्षिण दिशा में भूलकर भी गणपति भगवान की मूर्ति नहीं स्थापित करनी चाहिए. इसके अलाव शौचालय, डस्टबिन, स्टोर रूम, सीढ़ियों के नीचे की जगहों पर भी गणपति की मूर्ति स्थापित न करें.


ऐसे ना रखें मूर्ति या फोटो
श्री गणेश की मूर्ति स्थापित ऐसे करें कि घर के किसी भी कमरे से उनकी पीठ दिखाई ना दे. ज्योतिष में कहा गया है कि पीठ दरिद्रता की निशानी होती है . उनका मुख सामने से दिखाई देने पर सुख-समृद्धि आती है. अगर मूर्ति की जगह फोटो लगा रहे हैं तो भगवान गणेश की ऐसी फोटो लगाएं जिसमें वह नृत्य करते हुए ढोल बजाते हुए मां पार्वती की गोद में बैठे हुए हैं. ऐसी भी फोटो लगाएं जिससे घर में एक उत्सव का माहौल बना रहे.


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हिंदू पंचांग के अनुसार,18 सितंबर को 12 बजकर 39 मिनट पर चतुर्थी तिथि लगेगी. 
शाम के समय चतुर्थी होने से कलंक चतुर्थी का त्योहार 18 सितंबर को मनाया जाएगा. 
19 सितंबर को चतुर्थी तिथि का शुभारंभ 1 बजकर 43 मिनट तक चतुर्थी तिथि रहेगी.  इसके बाद पंचमी तिथि शुरू हो जाएगी. 
पंचाग के अनुसार, दोपहर में चतुर्थी तिथि के कारण चतुर्थी का व्रत 19 सितंबर को रखा जाएगा.  


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं-धार्मिक जानकारियों और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है.  यहां यह बताना जरूरी है कि ZEE UPUK किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.


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