Ganesh Visarjan ke Niyam: हिंदू धर्म में  गणेश चतुर्थी का बहुत महत्व है. बप्पा को विघ्नहर्ता, खुशकर्ता, विनायककी पूजा कर किसी भी मांगलिक कार्य को शुरू किया जाता है. इस साल 19 सितंबर 2023 से गणेश चतुर्थी की तिथि पर गणेश उत्सव शुरू हुआ. पूरे देश में इस त्योहार का प्रारंभ जिस उत्साह से होता है उतने ही उत्साह के साथ भक्त बप्पा को विसर्जन के साथ ही विदाई भी देते हैं. लेकिन विसर्जन के दौरान कई बातों का विशेष ध्यान रखा जाए तो गणेश का आशीर्वाद पाया जा सकता है और घर में भी सुख-समृद्धि लाई जा सकती है. गणपति विसर्जन 28 सितंबर 2023, गुरुवार को अनंत चतुर्दशी के दिन होने वाला है. गणपित विसर्जन के कुछ नियमों को आइए जान लेते हैं. 


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विसर्जन से पहले क्या करें?
गणेश जी के विसर्जन से पहले पूरे विधि-विधान के साथ उनकी पूजा करें. लाल चन्दन, लाल पुष्प, दूर्वा, बेसन के लड्डू के साथ ही पान, सुपारी, धूप-दीप आदि बप्पा को अर्पित करें. गणपति जी की भव्य आरती करें और हो सकें तो हवन भी करें. अनंत चतुर्दशी के दिन बप्पा अपने घर जाते हैं ऐसे में उन्हें खाली हाथ नहीं भेज सकते हैं, विसर्जन के समय गणेश जी को विदा करते हुए उनके हाथ में लड्डू की पोटली दी जाती है. 


विसर्जन कैसे करें? 
अगर गणेज जी कि मिट्टी की छोटी सी प्रतिमा स्थापित किया गया है तो घर में ही पानी के टब में गणपति जी का विसर्जन कर सकते हैं. मिट्टी घुलने के बाद उस पानी को गमलों में या पेड़ में डाल दें. गणेश जी की बड़ी प्रतिमा को तालाब, नदि या समुद्र में विसर्जित करें. विसर्जन के समय गणपति जी से फिर लौटने की विनती करें. बप्पा के विसर्जन के समय साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें. मन में क्लेश या बुरे विचार न लाए. विसर्जन के बाद भी हो सके तो मांस-मदिरा से दूर रहें. विसर्जन के दिन काले रंग के कपड़े न पहने.


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