Gemology: कुंडली में अगर ग्रहों के अशुभ प्रभाव को खत्म या कम करना है तो इसके लिए रत्न शास्त्र में कई ऐसे रत्न बनाए गए हैं जिसको धारण करके लाभ लिया जा सकता है. इन रत्नों को धारण करने से व्यक्ति के जीवन में तरक्की ही तरक्की आती है. इसी तरह का एक रत्न है मूंगा जो मंगल ग्रह का प्रतिनिधि है और ज्योतिष शास्त्र में मंगल एक ऐसा ग्रह है जो साहस और जोश का कारक है. मंगल जिन जातकों की कुंडली में कमजोर होता है, अशुभ प्रभाव में होता है उन जातकों को मूंगा धारण करने के लिए कहा जाता है. आइए मूंगा पहनने से फायदे और सही विधि जानें. 

 

मूंगा रत्न धारण करने के फायदे

लाल, सिंदूरी, गेरुआ, सफेद और काले रंग का मूंगा रत्न मंगल ग्रह का रत्न होता है. शक्ति, बल, साहस व ऊर्जा पाने के लिए इसे पहना जाता है. इससे ग्रह के शुभ प्रभावों में वृद्धि होती है. इसको धारण करने से दिल  और रक्त संबंधी दिक्कतें कम होती हैं. इससे उदासी व मानसिक अवसाद पर काबू पा सकते हैं. यह अज्ञात भय को दूर करता है. 

 

कौन धारण कर सकता है मूंगा

मेष लग्न या राशि का स्वामी ग्रह मंगल होता है, ऐसे जातक मूंगा रत्न पहने तो मंगल की शक्ति बढ़ेगी और फिर जातक की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी. वो और आकर्षक दिखेंगे, बल प्रदान होगा. इसके अलावा वृश्चिक लग्न व राशि वाले जातक भी मूंगा पहन सकते है क्योंकि वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल ग्रह होता है तो ये जातक भी मूंगा धारण कर सकते हैं. किसी जातक की कुंडली में अगर नीच का मंगल है तो उसे मूंगा धारण नहीं करना चाहिए. सिंह लग्न व सिंह राशि के जातक मूंगा धारण करें तो उनके भाग्य चमक सकता है. इनके भाग्य का आधिपत्य मंगल ग्रह के अंतर्गत आता है. इन जातकों की मेहनत रंग नहीं ला रही तो मूंगा पहनने की सलाह दी जाती है.

 

इस तरह धारण करें मूंगा

सोना, चांदी या तांबे की अंगूठी में मूंगा लगवाकर धारण करना चाहिए. धारण करने से पहले अंगूठी को कच्चे दूध व गंगाजल से धोएं और फिर मंगलवार को प्रातःकाल से लेकर दोपहर के बीच इसे दाएं हाथ की अनामिक उंगली में पहन लें. धारण करने के बाद क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः मंत्र का भी जाप कर सकते हैं. स्त्रियों के लिए बाएं हाथ की अनामिका उंगली सही रहती है.