Gita Jayanti 2023: गीता जयंती पर जरूर करें यह काम, श्रीकृष्ण का मिलेगा आशीर्वाद
Gita Jayanti 2023 Kab Hai: हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गीता जयंती मनाई जाती है. इस दिन मोक्षदा एकादशी भी मनाई जाती है.
Gita Jayanti 2023: हिंदू धर्म में गीता जयंती का खास महत्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन गीता जयंती मनाई जाती है. शास्त्रों के मुताबिक, द्वापर युग में इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र में गीता का ज्ञान दिया था इसलिए इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है. इस साल यह व्रत 23 दिसंबर 2023 को मनाया जाएगा.
पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी 22 दिसंबर 2023 को सुबह 8:15 बजे से शुरू होकर 23 दिसंबर 2023 को सुबह 7:10 बजे तक रहेगी. गीता जयंती वाले दिन श्रीमद् भगवद गीता का पाठ जरूर करना चाहिए. साथ ही भगवद् गीता आरती की जाती है.
श्रीमद् भगवद गीता आरती
जय भगवद् गीते,
जय भगवद् गीते ।
हरि-हिय-कमल-विहारिणि,
सुन्दर सुपुनीते ॥
कर्म-सुमर्म-प्रकाशिनि,
कामासक्तिहरा ।
तत्त्वज्ञान-विकाशिनि,
विद्या ब्रह्म परा ॥
जय भगवद् गीते...॥
निश्चल-भक्ति-विधायिनि,
निर्मल मलहारी ।
शरण-सहस्य-प्रदायिनि,
सब विधि सुखकारी ॥
जय भगवद् गीते...॥
राग-द्वेष-विदारिणि,
कारिणि मोद सदा ।
भव-भय-हारिणि,
तारिणि परमानन्दप्रदा ॥
जय भगवद् गीते...॥
आसुर-भाव-विनाशिनि,
नाशिनि तम रजनी ।
दैवी सद् गुणदायिनि,
हरि-रसिका सजनी ॥
जय भगवद् गीते...॥
समता, त्याग सिखावनि,
हरि-मुख की बानी ।
सकल शास्त्र की स्वामिनी,
श्रुतियों की रानी ॥
जय भगवद् गीते...॥
दया-सुधा बरसावनि,
मातु! कृपा कीजै ।
हरिपद-प्रेम दान कर,
अपनो कर लीजै ॥
जय भगवद् गीते...॥
जय भगवद् गीते,
जय भगवद् गीते ।
हरि-हिय-कमल-विहारिणि,
सुन्दर सुपुनीते ॥
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