Guruwar Ke Upay: आज पौष मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है. आज दिन गुरुवार है. यह दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है. इस दिन श्रीहरि की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है. कई जातक गुरुवार का उपवास भी रखते हैं. मान्यता है कि बृहस्पतिवार के दिन श्रीहरि की सच्चे मन से उपासना करने से भक्तों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. इसके साथ ही व्यक्ति पर विष्णु जी की जीवन भर कृपा बनी रहती है. मान्यतानुसार बृहस्पतिवार को श्रीहरि स्तोत्रम् का पाठ जरूर करना चाहिए. इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं. 


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॥ श्री हरि स्तोत्रम् ॥
जगज्जालपालं चलत्कण्ठमालंशरच्चन्द्रभालं महादैत्यकालं
नभोनीलकायं दुरावारमायंसुपद्मासहायम् भजेऽहं भजेऽहं॥1॥
सदाम्भोधिवासं गलत्पुष्पहासंजगत्सन्निवासं शतादित्यभासं
गदाचक्रशस्त्रं लसत्पीतवस्त्रंहसच्चारुवक्त्रं भजेऽहं भजेऽहं॥2॥
रमाकण्ठहारं श्रुतिव्रातसारंजलान्तर्विहारं धराभारहारं
चिदानन्दरूपं मनोज्ञस्वरूपंध्रुतानेकरूपं भजेऽहं भजेऽहं॥3॥
जराजन्महीनं परानन्दपीनंसमाधानलीनं सदैवानवीनं
जगज्जन्महेतुं सुरानीककेतुंत्रिलोकैकसेतुं भजेऽहं भजेऽहं॥4॥
कृताम्नायगानं खगाधीशयानंविमुक्तेर्निदानं हरारातिमानं
स्वभक्तानुकूलं जगद्व्रुक्षमूलंनिरस्तार्तशूलं भजेऽहं भजेऽहं॥5॥
समस्तामरेशं द्विरेफाभकेशंजगद्विम्बलेशं ह्रुदाकाशदेशं
सदा दिव्यदेहं विमुक्ताखिलेहंसुवैकुण्ठगेहं भजेऽहं भजेऽहं॥6॥
सुरालिबलिष्ठं त्रिलोकीवरिष्ठंगुरूणां गरिष्ठं स्वरूपैकनिष्ठं
सदा युद्धधीरं महावीरवीरंमहाम्भोधितीरं भजेऽहं भजेऽहं॥7॥
रमावामभागं तलानग्रनागंकृताधीनयागं गतारागरागं
मुनीन्द्रैः सुगीतं सुरैः संपरीतंगुणौधैरतीतं भजेऽहं भजेऽहं॥8॥


॥ फलश्रुति ॥
इदं यस्तु नित्यं समाधाय चित्तंपठेदष्टकं कण्ठहारम् मुरारे:
स विष्णोर्विशोकं ध्रुवं याति लोकंजराजन्मशोकं पुनर्विन्दते नो॥9॥


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