Aaj Ka Panchang 12 February: जानें सोमवार का पंचांग, देखें तिथि, ग्रह, शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय
Aaj Ka Panchang 12 February: सोमवार,12 फरवरी 2024 हिंदू पंचांग के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है। इस तिथि पर पूर्वभाद्रपदा नक्षत्र और सिद्ध योग का संयोग रहेगा.
Aaj ka Panchang 12 February 2024: हिंदू कैलेंडर में पंचांग एक जरूरी हिस्सा होता है. यह महीने की तीस तिथियों और पांच अंगों (वार, योग, तिथि, नक्षत्र और करण) से मिलकर बनता है. दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में हर प्रकार की जानकारी प्रदान करता है. आइये जानते हैं 12 February 2024 का पंचाग...
Panchang 12 February 2024
वार-सोमवार
विक्रमी संवत: 2080
शक संवत: 1944
मास: माघ
योग: सिद्ध
सूर्योदय-सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: सुबह 7:02 am
सूर्यास्त: शाम 6:09 pm
12 फरवरी 2024 का शुभ मुहूर्त
माघ शुक्ल पक्ष की उदया तिथि
12 फरवरी को शाम 5 बजकर 45 मिनट तक.
सिद्ध योग
12 फरवरी को देर रात 2 बजकर 36 मिनट तक सिद्ध योग रहेगा.
पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र
12 फरवरी को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट तक.
पृथ्वी लोक की भद्रा
12 फरवरी को भोर 4 बजकर 13 मिनट से शुरू होकर अगले दिन की दोपहर 2 बजकर 42 मिनट तक।
राहुकाल का समय
दिल्ली: सुबह 08:26 से सुबह 09:49 तक.
मुंबई: सुबह 08:35 से सुबह 10:01 तक.
लखनऊ: सुबह 08:10 से सुबह 09:33 तक.
भोपाल: सुबह 08:20 से सुबह 09:45 तक.
कोलकाता: सुबह 07:36 से सुबह 09:01 तक.
चेन्नई: सुबह 08:00 से सुबह 09:28 तक.
शुभ काल
अभिजीत मुहूर्त: 12:18 पीएम– 01:02 PM
अमृत काल: 12:25 एएम – 01:56 एएम
ब्रह्म मुहूर्त: 05:32 एएम– 06:20 एएम
सूर्य राशि
सूर्य मकर राशि पर
चंद्र राशि
चन्द्रमा फरवरी 06, 07:35 एएम तक वृश्चिक राशि उपरांत धनु राशि पर संचार करेगा
चन्द्र मास
अमांत: पौष
पूर्णिमांत: माघ
ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से किसी महीने में 31 और किसी महीने में 1 दिन होते हैं. अगर हम हिंदू कैलेंडर की बात करें तो उसके हिसाब से हर माह में 1 दिन ही होते हैं, जिन्हें तिथि कहा जाता है. ये तिथियां दो पक्षों में होती हैं. इनमें से एक पक्ष को शुक्ल और एक पक्ष को कृष्ण कहा जाता है. ये 15-15 दिन के होते हैं. हिंदू कैलेंडर के हिसाब से इन तिथियों को प्रतिप्रदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी और एक पक्ष की आखिरी तिथि को अमावस्या और दूसरे पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहा जाता है. इन्हीं सब के आधार पर पंचांग बनता है.
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