Aaj Ka Panchang 27 January 2024: हिंदू कैलेंडर में पंचांग एक जरूरी हिस्सा होता है. यह महीने की तीस तिथियों और पांच अंगों (वार, योग, तिथि, नक्षत्र और करण) से मिलकर बनता है. दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में हर प्रकार की जानकारी प्रदान करता है. आइये जानते हैं 27 जनवरी 2024 का पंचाग... 


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Panchang 27 January- पंचांग 27 जनवरी 2024


वार-शनिवार


विक्रम संवत: 2080, अनला
शक सम्वत: 1945, शोभकृत
पूर्णिमांत: माघ
अमांत: पौष


तिथि
कृष्ण पक्ष द्वितीया: जनवरी 27 01:20 एएम-जनवरी 28 03:37 एएम
कृष्ण पक्ष तृतीया: जनवरी 28 03:37 एएम–जनवरी 29 06:11 एएम


योग
आयुष्मान: जनवरी 26 07:42 एएम –जनवरी 27 08:08 एएम
सौभाग्य : जनवरी 27 08:08 एएम–जनवरी 28 08:50 एएम


नक्षत्र
आश्लेषा: जनवरी 26 10:28 एएम –जनवरी 27 01:01 पीएम
मघा: जनवरी 27 01:01 पीएम–जनवरी 28 03:52 पीएम
तैतिल : जनवरी 27 01:20 एएम–जनवरी 27 02:26 पीएम
गर: जनवरी 27 02:26 पीएम –जनवरी 28 03:37 एएम
वणिज: जनवरी 28 03:37 एएम–जनवरी 28 04:52 पीएम


शुभ काल
अभिजीत मुहूर्त: 12:17 पीएम– 01:01 पीएम
अमृत काल: 11:15 एएम – 01:01 पीएम
ब्रह्म मुहूर्त: 05:36 एएम– 06:24 AM
आनन्दादि योग
मानस : 01:01 पीएम
पद्म


अशुभ काल
राहू: 9:56 AM – 11:17 एएम
यम गण्ड: 2:01 पीएम- 3:23 पीएम
कुलिक:7:12 एएम– 8:34 एएम
दुर्मुहूर्त: 08:39 एएम– 09:23 एएम
वर्ज्यम् : 02:27 एएम– 04:14 एएम


सूर्या राशि
सूर्य मकर: राशि पर
चंद्र राशि
चन्द्रमा जनवरी 27, 01:01 पीएम तक कर्क राशि उपरांत सिंह राशि पर संचार करेगा
चन्द्र मास
अमांत: पौष
पूर्णिमांत: माघ


वैदिक ऋतु: हेमंत
द्रिक ऋतु:शिशिर


सूर्योदय-सूर्यास्त का समय
सूर्योदय:सुबह 7:11 एएम
सूर्यास्त- शाम 5:55 पीएम


ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से किसी महीने में 31 और किसी महीने में 1 दिन होते हैं. अगर हम हिंदू कैलेंडर की बात करें तो उसके हिसाब से हर माह में 1 दिन ही होते हैं, जिन्हें तिथि कहा जाता है. ये तिथियां दो पक्षों में होती हैं. इनमें से एक पक्ष को शुक्ल और एक पक्ष को कृष्ण कहा जाता है. ये 15-15 दिन के होते हैं. हिंदू कैलेंडर के हिसाब से इन तिथियों को प्रतिप्रदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी और एक पक्ष की आखिरी तिथि को अमावस्या और दूसरे पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहा जाता है. इन्हीं सब के आधार पर पंचांग बनता है. 


Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है.  सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा. 


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