Aaj Ka Panchang 4 January 2024:  हिंदू कैलेंडर में पंचांग एक जरूरी हिस्सा होता है. यह महीने की तीस तिथियों और पांच अंगों (वार, योग, तिथि, नक्षत्र और करण) से मिलकर बनता है. दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में हर प्रकार की जानकारी प्रदान करता है. आइये जानते हैं 4 जनवरी 2024 का पंचाग... 


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आज का पंचांग 4 जनवरी 2024- 4 January 2024 Ka Panchang Tithi in Hindi


वार वीरवार
तिथि अष्टमी – 10:04 पीएम तक, नवमी
नक्षत्र हस्त – 05:33 पीएम तक, चित्रा
पक्ष कृष्ण पक्ष 
मास पौष


हिन्दू मास एवं वर्ष
शक संवत-- 1944 शुभकृत
विक्रम संवत- 2079


आज की तिथि
अष्टमी – 10:04 PM तक, नवमी
आज का नक्षत्र-हस्त – 05:33 PM तक, चित्रा
आज का करण-कौलव और तैतिल
आज का पक्ष- कृष्ण पक्ष
आज का योग-अतिगण्ड


शुभ काल
अभिजीत मुहूर्त -11:42 एम से 12:24 पीएम
अमृत काल मुहूर्त -10:52 एम से 12:39 पीएम
विजय मुहूर्त- 01:49 एम से 02:31 एम
गोधूलि मुहूर्त- 05:18 PM से 05:45 पीएम
सायाह्न संध्या मुहूर्त -05:21 PM से 06:41 PM


निशिता मुहूर्त -11:36 PM से 12:30 AM, जनवरी 05
ब्रह्म मुहूर्त -04:57 एम से 05:51 एम
प्रातः संध्या- 05:24 एम से 06:44 एम


अशुभ काल
दुर्मुहूर्त -10:42:13 से 11:23:44 तक, 14:51:20 से 15:32:51 तक
कालवेला /अर्द्धयाम -16:14:22 से 16:55:53 तक
कुलिक -10:42:13 से 11:23:44 तक
कंटक- 14:51:20 से 15:32:51 तक
यमगण्ड -07:14:37 से 08:32:28 तक
गुलिक काल- 09:50:19 से 11:08:10 तक
यमघण्ट- 07:56:09 से 08:37:40 तक
राहुकाल- 13:43:52 से 15:01:43 तक


सूर्योदय और सूर्यास्त-चंद्रोदय 
सूर्योदय 06:44 AM
सूर्यास्त 05:21 PM
चंद्रोदय 12:36 AM, जनवरी 05


ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से किसी महीने में 31 और किसी महीने में 1 दिन होते हैं. अगर हम हिंदू कैलेंडर की बात करें तो उसके हिसाब से हर माह में 1 दिन ही होते हैं, जिन्हें तिथि कहा जाता है. ये तिथियां दो पक्षों में होती हैं. इनमें से एक पक्ष को शुक्ल और एक पक्ष को कृष्ण कहा जाता है. ये 15-15 दिन के होते हैं. हिंदू कैलेंडर के हिसाब से इन तिथियों को प्रतिप्रदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी और एक पक्ष की आखिरी तिथि को अमावस्या और दूसरे पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहा जाता है. इन्हीं सब के आधार पर पंचांग बनता है. 


Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है.  सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा. 


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