Aaj Ka Panchang 8January 2024:  हिंदू कैलेंडर में पंचांग एक जरूरी हिस्सा होता है. यह महीने की तीस तिथियों और पांच अंगों (वार, योग, तिथि, नक्षत्र और करण) से मिलकर बनता है. दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में हर प्रकार की जानकारी प्रदान करता है. आइये जानते हैं 8 जनवरी 2024 का पंचाग... 


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आज का पंचांग 8 जनवरी 2024- 8 January 2024 Ka Panchang Tithi in Hindi


वार: सोमवार


तिथि
कृष्ण पक्षो द्वादशी -जनवरी  08 12:46 एएम–जनवरी 08 11:59 पीएम
कृष्ण पक्ष त्रयोदशी -जनवरी 08 11:59 पीएम –जनवरी 09 10:25 पीएम


नक्षत्र
अनुराधा - Jan 07 10:08 PM – Jan 08 10:03 पीएम
ज्येष्ठा - Jan 08 10:03 PM – Jan 09 09:11 पीएम


8 जनवरी  2024 का शुभ मुहूर्त
पौष कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि: 8 जनवरी 2024 को रात 11 बजकर 59 मिनट तक.
सर्वार्थसिद्धि योग: 8 जनवरी 2024 को रात 10 बजकर 3 मिनट तक.
अनुराधा नक्षत्र: 8 जनवरी को रात 10 बजकर 3 मिनट तक.


शुभ काल
अभिजीत मुहूर्त: 12:11 पीएम-12:54 पीएम
अमृत काल: 11:41 एएम-1:17 पीएम
ब्रह्म मुहूर्त: 05:37 एएम -06:25 एएम


अशुभ काल
राहू:      8:33 एएम – 9:53 एएम
यम गण्ड:  11:13 एएम – 12:33 पीएम
कुलिक:    1:53 पीएम – 3:13 पीएम
दुर्मुहूर्त:    12:54 PM – 01:37 पीएम, 03:02 PM – 03:44 पीएम
वर्ज्यम्:    03:27 एएम – 04:59 एएम


राहुकाल का समय
दिल्ली: सुबह 08:33 से सुबह 09:51 तक.
मुंबई: सुबह 08:36 से सुबह 09:59 तक.
चंडीगढ़: सुबह 08:38 से सुबह 09:54 तक.
लखनऊ: सुबह 08:15 से सुबह 09:34 तक.
भोपाल: सुबह 08:24 से सुबह 09:44 तक.
कोलकाता: सुबह 07:39 से सुबह 09:00 तक.
अहमदाबाद: सुबह 08:42 से सुबह 10:03 तक.


सूर्योदय-सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: सुबह 7:15 एएम
सूर्यास्त: शाम 5:40 पीएम


ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से किसी महीने में 31 और किसी महीने में 1 दिन होते हैं. अगर हम हिंदू कैलेंडर की बात करें तो उसके हिसाब से हर माह में 1 दिन ही होते हैं, जिन्हें तिथि कहा जाता है. ये तिथियां दो पक्षों में होती हैं. इनमें से एक पक्ष को शुक्ल और एक पक्ष को कृष्ण कहा जाता है. ये 15-15 दिन के होते हैं. हिंदू कैलेंडर के हिसाब से इन तिथियों को प्रतिप्रदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी और एक पक्ष की आखिरी तिथि को अमावस्या और दूसरे पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहा जाता है. इन्हीं सब के आधार पर पंचांग बनता है. 


Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है.  सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा. 


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