Paush Putrada Ekadashi 2024: भगवान राम 550 सालों के इंतजार के बाद अपनी जन्मभूमि पर विराजमान होने जा रहे हैं. 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण- प्रतिष्ठा होनी है. इस कार्यक्रम में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी भाग लेने वाले हैं. 22 जनवरी को अभिजीत मुहूर्त में पीएम मोदी के हाथों से ही रामलला की प्राण- प्रतिष्ठा की जाएगी. प्राण- प्रतिष्ठा से 1 दिन पहले पौष पुत्रदा एकादशी तिथि पढ़ रही है. इस बार कि एकादशी बहुत खास होने वाली है. इस पौष पुत्रदा एकादशी को संतान प्राप्ति की कामना रखने वालों के लिए दर्लभ संयोग बन रहे हैं. पौष पुत्रदा एकादशी की पौराणिक कथा का पाठ कब और कैसे करें इसकी जानकारी आगे दी जा रही है. 


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पौष पुत्रदा एकादशी 2024 मुहूर्त 
पौष माह के शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि 20 जनवरी 2024 को रात 06 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी. यह अगले दिन यानी 21 जनवरी 2023 को रात 07 बजकर 26 मिनट पर खत्म होगी. उदयातिथि के अनुसार पौष पुत्रदा एकादशी व्रत 21 जनवरी को रखा जाएगा. 


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पुत्रदा एकादशी व्रत कथा
द्वापर युग की बात है. एक बार धर्मराज युधिष्ठिर ने श्रीकृष्ण से कहा कि वे पौष पुत्रदा एकादशी की कथा जानने के इच्छुक हैं.तब श्रीकृष्ण ने कहा-हे धर्मराज! भद्रावती नामक नगर में दानवीर और कुशल राजा था, सुकेतुमान. उसकी प्रजा हमेशा खुश रहती थी. किसी को कोई कष्ट ना था. लेकिन सुकेतुमान को एक चिंता सताए रहती थी कि उसकी कोई संतान नहीं थी. वह सोचता था कि उसके बाद राजपाट कौन चलाएगा.एक दिन राजा वन की ओर गया. वहां उसे एक ऋषि के दर्शन हुए. ऋषि ने राजा को देखा तो उसकी चिंता समझ गए.


ऋषि ने कहा-हे राजा, आप परेशान हैं, क्या कारण है? तब राजा ने अपनी चिंता बताते हुए कहा- नारायण की मुझ पर कृपा है. मेरे पास सब कुछ है. बस एक ही कमी है, मेरी संतान नहीं है.मेरा पुत्र नहीं है. मेरे बाद कौन राजपाट संभालेगा, मेरा पिंडदान कौन करेगा? पूर्वजों का तर्पण कौन करेगा?ऋषि ने कहा- राजन, पौष शुक्ल पक्ष एकादशी के दिन व्रत करें. भगवान विष्णु की पूजा करें. आपको अवश्य ही पुत्र रत्न की प्राप्ति होगी.ऋषि ने जैसा कहा था राजा ने वैसा ही किया. पुत्रदा एकादशी का व्रत किया. जिसके प्रभाव से राजा को पुत्र रत्न की प्राप्त हुई.