Gemstone Benefits: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, रत्नों का व्यक्ति के जीवन में खास प्रभाव पड़ता है. मान्यता है कि रत्न पहनने से, कुंडली के दोषों का निवारण किया जा सकता है. वहीं, अगर जातक कुंडली में खराब ग्रहों की स्थिति के कारण भविष्य में बुरे परिणाम भुगतने जा रहे हैं, तो रत्न की मदद से उनके प्रभाव में थोड़ी कमी आ सकती है. राशि के हिसाब से रत्न पहनना चाहिए. ऐसा करने से व्यक्ति की किस्मत बदल सकती है. गलत रत्न धारण करने से कई नुकसान भुगतने पड़ सकते हैं. ऐसे में आइये जानते हैं कि करियर में सफलता के लिए कौन सा रत्न पहनना चाहिए. 


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ओपल रत्न 
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह शुक्र ग्रह का रत्न माना जाता है. इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति का जीवन आकर्षक और सुख समृद्धि से भरा रहता है. अगर कोई व्यक्ति करियर में आ रही बाधाओं से परेशान है, उनके लिए ओपल शुभ साबित हो सकता है. 


पन्ना रत्न 
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह बुध ग्रह का रत्न होता है. ऐसे व्यक्ति जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं या फिर विधि (Law) के क्षेत्र में अपना करियर बनना चाहते हैं, उनके लिए यह रत्न बेहद शुभ साबित हो सकता है. 


गोमेद रत्न 
इस रत्न को राहु ग्रह कारक माना जाता है. इसमें राहु की शक्तियां और उसके सकारात्मक गुण होते हैं. मान्यता है कि जो जातक इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं उनके लिए यह रत्न बेहद शुभ हो सकता है. 


मूंगा रत्न 
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मूंगा मंगल ग्रह का रत्न होता है. इसे धारण करने वाले जातक साहसी और पराक्रमी होते हैं. सेना, पुलिस विभाग और प्रॉपर्टी से संबंधित कार्य करने वाले जातक सफल होने के लिए मूंगा धारण कर सकते हैं. 


मानिक/माणिक्य रत्न रत्न 
यह रत्न आत्मविश्वास और मनोबल को बढ़ाकर व्यक्ति के अंदर नेतृत्व गुणों को स्थापित करता है. साथ ही कमजोर सूर्य को मजबूत बनाता है. राजनीति में करियर बनाने वाले जातकों के लिए माणिक्य रत्न बहुत ही शुभ माना जाता है. 


रत्न के पीछे की पौराणिक मान्यता
पौराणिक मान्यताओं के अमुसार, जब देवताओं और राक्षसों ने समुद्र मंथन किया, तो उसमें से 14 रत्न निकले. देवता और दानवों के बीच अमृत को लेकर संघर्ष हुआ. अमृत का स्वर्ण कलश असुरराज लेकर भाग गया. इस छीना-झपटी में अमृत की कुछ बूंदें धरती पर गिर गयी. जहां-जहां गिरीं वहां सूर्य की किरणों के कारण वह बूंदें सुखकर अलग-अलग प्रकार के रत्नों में परिवर्तित हो गयी. नौ प्रमुख रत्न और बाकी को उपरत्न माना जाता है.


Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है.  सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा.  


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