According Astrology: प्राचीन समय में हर घर, मंदिर, भवन, बस्तियों और प्रत्येक शहर का निर्माण वास्तु शास्त्र के सिद्धांत के आधार पर ही होता था और यही वजह है कि तब लोग अधिक सुखी, संपन्न और खुशहाल थे. खुदाई में अनेक ऐसे चिन्ह या सबूत मिलते हैं जो वास्तु शास्त्र के महत्त्व और भी बढ़ा देते हैं. आज के समय में छोटी हो या बड़ी किसी भी इमारत में वास्तु के नियमों को ध्यान नहीं रखा यहां तक कि लोग घर में भी वास्तु के अनुसार वस्तुएं नहीं रखते और जीवन भर परेशान रहते हैं. वास्तु का असर घर में रहने वाले प्रत्येक सदस्य पर पड़ता है. इसलिए कई बार आपने देखा होगा कि एक परिवार के सभी सदस्य बीमार रहते हैं. ऐसे में सुखी जीवन के लिए आपको कुछ ऐसी बातें बता रहे हैं जो वास्तु दोष को दूर करती हैं. ये उपाय बहुत ही आसान हैं और बेहद कारगर भी हैं. 


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स्वास्तिक चिन्ह- घर के मुख्य द्वार और पूजा के कमरे के द्वार पर स्वास्तिक चिन्ह जरूर बनाएं. इसे केवल सिन्दूर से ही बनाएं और. स्वास्तिक का निशान इतना बड़ा होना चाहिए कि घर में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति कि नजर इस पर पड़े. इससे आपको ये फायदा होगा कि बहुत सी बुरी नजरें आपके घर के अंदर प्रवेश ही नहीं कर पाएंगी और आप सुखी रहेंगे. 


टूटी फूटी वस्तुओं का दोष - घर में टूटी खाट, टूटे जूते चप्पल, फटे हुए वस्त्र. और टूटे फूटे बर्तन भूलकर भी न रखें ऐसी चीजें नकारत्मकता को आकर्षित करती हैं और घर में एक के बाद एक परेशानी आती है. 


दरवाजे पर बांधे शंख - अगर आपको लगता है कि घर पर किसी की बुरी नजर लग गयी है और आपका नुकसान होता जा रहा है तो दरवाजे पर एक छोटा सा शंख लटका दें. आप चाहें तो दिन में तीन बार घर के अंदर में शंख बजाएं. इससे घर में सकारत्मकता बढ़ेगी और आप ख़ुशी से रह सकेंगे. 


रसोई में रखें पर्याप्त रोशनी - अगर रसोईघर गलत दिशा में बना है तो रसोई में अग्निकोण पर एक बल्ब जला कर रखें, दिन हो या रात बल्ब बुझने नहीं दें. इससे रसोई का वास्तु दोष दूर होगा और यहां बना हुआ खाना खाने से बीमारियां दूर होंगी. 


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