Kartik Purnima 2023: 26 या 27 नवंबर कब है कार्तिक पूर्णिमा? नोट करें सही डेट, इन दो शुभ संयोग में करें पूजा
Kartik Purnima Kab Hai: कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को कार्तिक पूर्णिमा मनाई जाती है. कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता है. इस बार कार्तिक पूर्णिमा व्रत की तारीख को लेकर कंफ्यूजन बना हुआ है..जानें सही डेट.
Kartik Purnima 2023: हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा (Kartika Purnima) का पर्व बहुत खास माना गया है. कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को कार्तिक पूर्णिमा मनाई जाती है. कातिक में दिवाली, छठ देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह जैसे महत्वपूर्ण त्योहार आते हैं. काार्तिक का यह माह श्रीहरि की पूजा के लिए खास माना जाता है. इस साल कार्तिक पूर्णिमा व्रत की तारीख को लेकर असमंजल बना हुआ है. दरअसल, पूर्णिमा तिथि 27 नवंबर और 28 नवंबर दोनों दिन रहेगी.पूर्णिमा तिथि का आरंभ 26 नवंबर से होगा. आइए जानते हैं पूर्णिमा तिथि का महत्व और पूजा विधि और तारीख
कब है कार्तिक पूर्णिमा 2023? (When is Kartik Purnima 2023?)
कार्तिक पूर्णिमा तिथि का आरंभ
26 नवंबर की शाम दोपहर 3 बजकर 53 मिनट से होगा.
कार्तिक पूर्णिमा तिथि का समापन
27 नवंबर दिन सोमवार दोपहर 2 बजकर 45 मिनट पर होगा.
उदया तिथि
27 नवंबर में पूर्णिमा तिथि होने के कारण कार्तिक पूर्णिमा का व्रत 27 नवंबर को ही रखा जाएगा.
कार्तिक पूर्णिमा पर शुभ मुहूर्तल(Auspicious time on Kartik Purnima)
अमृत चौघड़िया
सुबह 6 बजकर 52 मिनट से 8 बजकर 11 मिनट तक.
शुभ चौघड़िया
सुबह 9 बजकर 30 मिनट से 10 बजकर 49 मिनट तक.
कार्तिक पूर्णिमा पर 2 शुभ मुहूर्त
कार्तिक पूर्णिमा पर 27 नवंबर सोमवार के दिन दो शुभ सर्वार्थ सिद्धि योग और शिव योग का संयोग रहेगा.
सर्वार्थ सिद्धि योग का आरंभ
दोपहर 1 बजकर 35 मिनट पर.
अगले दिन -28 नवंबर को सुबह 6 बजकर 24 मिनट तक रहेगा.
2024 में इन 5 राशियों की शनिदेव कर देंगे नाम में दाम, भूलकर भी न करें ये गलतियां
स्नान-दान की महत्ता
हिंदू धर्म में कार्तिक का महीना बहुत ही पवित्र महीना माना जाता है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन नदी स्नान और दान करना शुभ माना जाता है. मान्यता है कि किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति के सारे पाप मिट जाते हैं. ये मास विष्णु जी की पूजा के लिए विशेष माना गया है. ऐसी मान्यता है कि इस समय भगवान विष्णु मत्स्य के रूप में जल में निवास करते हैं और पवित्र नदी गंगा में स्नान करने वालों के सभी पापों का नाश कर देते हैं.
कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान (Snan On Kartik Purnima)
धार्मिक ग्रंथों में ऐसा कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने दुनिया को जलप्रलय से बचाने के लिए मत्स्य (मछली) के रूप में अपना पहला अवतार लिया था. शिव जी ने राक्षस त्रिपुरासुर का वध किया था . इसलिए इस दिन को त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं. स्नान करने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है.
क्यों मनाते हैं देव दीपावली
कार्तिक पूर्णिमा की तिथि को देव दीपावली मनाई जाती है. दीपावली के निर्धारित समय के बाद पड़ने वाली प्रथम पूर्णिमा तिथि को धूमधाम से देव दीपावली मनाई जाती है.
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है. सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा.
Kartik Purnima 2023: कब है कार्तिक पूर्णिमा? जानें स्नान, दान और पूजन का शुभ मुहूर्त