कुंवारा पंचमी पर अविवाहित पितरों का करें श्राद्ध, जानें पितृ पक्ष में क्या है इस दिन का महत्व?
Kunwara Panchami 2024: पितृपक्ष का आज पांचवां दिन है. ऐसे में आज के दिन कुंवारे पितरों का पिंडदान करने का महत्व है. कुंवारा पंचमी पर श्राद्ध करने से पहले जान लें इसका महत्व.
Kunwara Panchami 2024: पिृत पक्ष चल रहा है. आज 22 सितंबर को पितृ पक्ष का पांचवां दिन है. आज कुंवारा पंचमी का श्राद्ध है. आज के दिन कुंवारे पितरों का श्राद्ध करने की मान्यता है. गुरुड़ पुराण में कुंवारा पंचमी का विस्तार से वर्णन किया गया है. इस कुंवारे पितरों का श्राद्ध कर घर में सुख-समृद्धि और शांति ला सकते हैं. तो आइये जानते हैं श्राद्ध पक्ष की पंचमी का महत्व?.
कुंवार पंचमी क्या है?
कुंवार पंचमी के दिन घर के कुंवारे (विवाह से पहले मृत्यु को प्राप्त होने वाले) पितरों का श्राद्ध किया जाता है, यही वजह है कि इसे कुंवार पंचमी कहा जाता है. मान्यता है इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उनकी घर परिवार पर कृपा बनी रहती है.
कुंवारा पंचमी कब?
इस साल अश्विन माह की पंचमी तिथि का श्राद्ध 22 सितंबर 2024 को पड़ता है. अश्विन कृष्ण पंचमी तिथि 21 सितंबर से शुरू हो रही जो 22 सितंबर दोपहर 03.43 बजे समाप्त होगी.
पंचमी श्राद्ध पर क्या करें
पंचमी श्राद्ध के दिन सुबह उठकर स्नान कर देव स्थान और पितृ स्थान को गाय के गोबर से लेप लगाएं. इसके बाद उस स्थान पर गंगाजल छिड़कें. महिलाएं स्नान आदि के बाद पितरों के लिए भोजन बनाएं जैसे खीर, पूड़ी, कद्दू की सब्जी आदि. इसके बाद भोजन परोसने के लिए केले के पत्ते पर या मोहा नाम के वृक्ष के पत्तों से बनी पत्तल का प्रयोग करें.
बहन-बेटियों को भोजन कराएं
कुंवारा पंचमी पर अविवाहित ब्राह्मण, घर की बहन-बेटी को भोजन कराएं. दोपहर के समय कुंवारे पितरों के नाम श्राद्ध कर्म करने के बाद अग्नि को भोजन अर्पित करें. इसके बाद पंचबली भोग निकालें और फिर ब्राह्मण को भोजन खिलाएं. बहन, ब्राह्मण को दान देकर आदर पूर्वक विदा करें.
यह भी पढ़ें : इस सप्ताह मघा श्राद्ध और कालाष्टमी जैसे कई व्रत त्योहार, यहां देखें पूरी लिस्ट
यह भी पढ़ें : Shardiya Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि में किस वाहन पर सवार होकर आएंगी माता रानी, जानें शुभ या अशुभ?