Lohri 2024 Date: सिख समुदाय के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक लोहड़ी का पर्व 14 जनवरी को हर साल मनाया जाता है. लोहड़ी का त्‍योहार मकर संक्रांति के एक दिन पहले मनाया जाता है. इस साल मकर संक्रांति का त्योहार 14 जनवरी को है. इस लिहाज से 13 जनवरी को लोहड़ी मनाया जाएगा. तो आइये जानते हैं कैसे पड़ा लोहड़ी का नाम और हर साल क्‍यों मनाया जाता है यह पर्व. 


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ये है मान्यता
ऐसा कहा जाता है कि वैसाखी त्योहार की तरह लोहड़ी का संबंध भी फसल और मौसम से है. इस दिन से गन्ने की फसल बोई जाती है. इससे पहले रबी की फसल काटकर घर में रखी जाती है. इस दिन लोहड़ी की अग्नी में उन्ही कटी फसलों की खुशियां मनाई जाती हैं. इसके अलावा कई ऐतिहासिक मान्यता भी है.


यह भी है वजह 
ऐसा कहा जाता है कि अकबर के समय में दुल्ला भट्टी पंजाब प्रान्त का सरदार था. उसे पता चला की संदलबार (वर्तमान पाकिस्तान) में लड़कियों की बाजारी होती है. तब दुल्ला ने इस का विरोध किया और लड़कियों को दुष्कर्म से बचाया कर उनकी शादी करवा दी. इस विजय के दिन के कारण भी लोग लोहड़ी का पर्व मनाते हैं. सीथ ही साथ ऐसी भी मान्यता है कि लोहड़ी का त्‍योहार संत कबीर की पत्नी लोई की याद में मनाया जाता है. 


धार्मिक मान्यता
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पता चलता है कि सती के त्याग के रूप में यह त्योहार मनाया जाता है.  कथानुसार जब प्रजापति दक्ष के यज्ञ की आग में कूदकर सती ने आत्मदाह कर लिया था. उसी दिन की याद में यह पर्व मनाया जाता है. इसके अलावा कहा जाता है कि कंस ने भगवान श्रीकृष्ण को मारने के लिए नंदगांव में लोहिता नाम की राक्षसी को भेजा था. उस समय सब संक्रांति की तैयारी कर रहे थे. कृष्णजी ने लोहिता का ही वध कर दिया. इस वजह से भी मकर संक्रांति से एक दिन पहले लोहड़ी मनाया जाता है. लोहड़ी की चमक- धमक देश के कई हिस्सों में देखने को मिलती है.