Magh Mela 2024 Date: कब होगी माघ मेले की शुरुआत? जानें माघ मास में क्या करें और क्या न करें
Magh Mela 2024 Date: कल्पवास से साधु संत मन और इंद्रियों पर नियंत्रण पा सकता है और शक्ति की प्राप्ति करता है. आइए जानते हैं कि साल 2024 में माघ मेले की तिथियां और क्या करें क्या नहीं, विस्तार से.
Magh Mela 2024 Date: प्रयागराज में माघ मेले का हर साल आयोजन होता है. इस साल भी मेले को लेकर की जाने वाली तैयारियां जोरों पर हैं माघ मेले में स्नान करने के लिए लोग देश विदेश से आते हैं. ऐसी मान्यता है कि गंगा, यमुना, और सरस्वती नदी के संगम में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं. जीवन के क्ष्ट खत्म होते हैं. त्रिवेणी संगम पर स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. माघ मेले का भव्य आयोजन होता है तो वहीं यहां पर कई साधु, संत, कल्पवास कर कई तरह के धार्मिक कार्य करते हैं.कल्पवास से साधु संत मन और इंद्रियों पर नियंत्रण पा सकता है और शक्ति की प्राप्ति करता है. आइए जानते हैं कि साल 2024 में माघ मेले की तिथियां और क्या करें क्या नहीं, विस्तार से.
कब होगी माघ मेले की शुरुआत ?
माघ मेला साल 2024 में 15 जनवरी से शुरू हो रहा है और हिंदू धर्म में इस मेले का विशेष महत्व बताया गया है. हर साल मकर संक्रांति के दिन से मेले का आरंभ होता है और महाशिवरात्रि के दिन इसका समापन होता है.
माघ मेला 2024 में सभी स्नानों की तिथियां
माघ मेला का पहला स्नान- मकर संक्रांति यानी 15 जनवरी 2024 को है
माघ मेले का दूसरा स्नान - पौष पूर्णिमा 25 जनवरी 2024 को करें. कल्पवास का आरंभ
माघ मेले का तीसरा स्नान-9 फरवरी 2024 को मौनी अमावस्या पर करें.
माघ मेले का चौथा स्नान- बसंत पंचमी 14 फरवरी 2024 को करें.
माघ मेले का पांचवा स्नान- माघ पूर्णिमा 24 फरवरी 2024 को करें.
माघ मेले का आखिरी स्नान - महाशिवरात्रि 8 मार्च 2024 को करें.
जानें माघ मास में क्या करें और क्या न करें
भगवान विष्णु व भगवान श्रीकृष्ण की पूरे माघ माह में विधि पूर्वक पूजा करें.
पूरे माघ माह विष्णु सहस्रनाम व मधुराष्टक का पाठ करें.
इस माह में मांसाहार, शराब जैसे तामसिक खानपान से दूर रहना चाहिए.
अगर आप संगम पर जा रहे हैं तो आपको साइबेरियन पक्षियों का दीदार जरूर करना चाहिए.
संगम स्नान के बाद आपको जरूर अक्षय वट के दर्शन करने चाहिए.
माघ मास में व्यक्ति को ब्रह्मचर्य के पूरे नियम का पालन करना लाभकारी होता है.
इस माह में तुलसी की पूजा करना और गीता का पाठ करना अति शुभ बताया गया है.