तुलसी शालिग्राम के विवाह के साथ शादियों का सीजन शुरू, जानें 2025 तक के शुभ मुहूर्त
Wedding Season: भगवान श्री विष्णु आषाढ़ शुक्ल एकादशी के दिन क्षीरसागर में योगनिद्रा के लिए प्रस्थान करते हैं. कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन 12 नंवबर से भगवान विष्णु के योगनिद्रा से जागृत होने के बाद समस्त मांगलिक शुभ कार्य शुभ मुहूर्त में प्रारंभ हो गए हैं. यानी आज से मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे.
देश में फेस्टिव सीजन
देश में फेस्टिव सीजन का द एन्ड होने के बाद सबसे बड़े इवेंट वेडिंग सीजन की शुरुआत आज से हो रही है. वेडिंग सीजन में बाजारों में चहल-पहल तेज हो जाती है. आज देवउठनी एकादशी है. यानी भगवान विष्णु 3 महीने 26 दिन की योग निद्रा के बाद आज जाग रहे हैं. देव उठने के साथ ही शादी के मुहूर्त शुरू हो जाते हैं.
शादी के 73 मुहूर्त
आज से करीब 35 दिन में देशभर में 48 लाख शादियां होने का अनुमान है. आज से अगले 8 महीने तक शादी के 73 मुहूर्त रहेंगे। सबसे ज्यादा 15 मुहूर्त मई में हैं. ऐसी धारणा है कि भगवान विष्णु हर साल आषाढ़ महीने की एकादशी पर सोते हैं और कार्तिक महीने की एकादशी पर जागते हैं. श्रीहरि के जागने वाली एकादशी को देव प्रबोधिनी कहते हैं।
चातुर्मास्य का समापन
आज हरिशयनी एकादशी (16 जुलाई, बुधवार) से प्रारंभ चातुर्मास्य का व्रत, यम, नियम, संयम आदि का समापन देव (हरि) प्रबोधिनी एकादशी (12 नवंबर, मंगलवार) हो जाएगा.
एकादशी तिथि
ज्योतिषविदों के मुताबिक कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 11 नवंबर, सोमवार को सायं 6 बजकर 47 मिनट पर लगी और 12 नवंबर मंगलवार को शाम 4 बजकर 06 मिनट तक रहेगी. हरिप्रबोधिनी एकादशी का व्रत उदयातिथि के अनुसार 12 नवम्बर, मंगलवार को रखा जाएगा.
पूजा का विधान
इस दिन व्रत-उपवास रखकर भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है. जो व्रत करते हैं उन्हें अपने आराध्य देवी-देवता की पूजा-अर्चना के पश्चात देव प्रबोधिनी एकादशी के व्रत एवं भगवान श्रीविष्णुजी की पूजा-अर्चना का संकल्प लेना चाहिए. श्रीविष्णु सहस्रनाम, श्रीपुरुषसूक्त तथा श्री विष्णु से संबंधित मंत्र 'ॐ श्री विष्णवे नमः' का जप करना चाहिए.
पूजा विधि
एकादशी के दिन गन्ने का मंडप बनाकर शालिग्राम के साथ तुलसी का विवाह रचाया जाता है. इस दिन भगवान गणपति एवं शालिग्राम की भी पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक देवप्रबोधिनी एकादशी से कार्तिक पूर्णिमा तक तुलसी जी की रीति- रिवाज व धार्मिक विधि-विधान से पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है.
अन्न ग्रहण निषेध
व्रत करने वालों को अन्न नहीं खाना चाहिए. व्रत के दिन फलाहार ग्रहण करना चाहिए. एकादशी तिथि की रात्रि में जागरण करके भगवान विष्णु की श्रद्धा, आस्था भक्तिभाव के साथ आराधना करना शुभ फलकारी माना गया है. गरीबों और ब्राह्मण को उपयोगी वस्तुओं का दान करना चाहिए.
भीष्म पंचक व्रत
देव प्रबोधिनी एकादशी से भीष्म पंचक व्रत भी रखा जाता है. भीष्म पितामह ने एकादशी से पूर्णिमा तक पांडवों को उपदेश दिया था. उपदेश की समाप्ति पर भगवान कृष्ण ने भीष्म पंचक व्रत की मान्यता स्थापित की, तभी से इस व्रत का विधान चला आ रहा है.
शुभ लग्न का मुहूर्त
तुलसी विवाह के साथ ही 4 महीने से बंद पड़ा विवाह और शुभ लग्न का मुहूर्त भी शुरू हो गए हैं. 12 तारीख को तुलसी विवाह के साथ ही शहनाई गूंजेगी और शादियां और अन्य शुभ कार्य भी शुरू हो रहे हैं.
नवंबर-दिसंबर में विवाह मुहूर्त
नवंबर में 12, 13, 16, 17, 18, 24, 25, 26, 28, 30 को विवाह का मुहूर्त है. इसी कड़ी में दिसंबर महीने में 1, 2, 3, 4, 5, 9, 10, 11 को मुहूर्त है.
साल 2025 विवाह मुहूर्त
जनवरी: 16, 18, 19, 20, 21, 24, 26, 27 को मुहूर्त है. फरवरी: 1, 2, 3, 8, 12, 14, 15, 16, 22, 23, 24 को मुहूर्त है. मार्च: 1, 2, 31 को मुहूर्त है. अप्रैल:15, 16, 20, 25, 26 को मुहूर्त है. मई: 1, 7, 8, 9, 11, 15, 16, 22, 23, 24, 27, 28 मुहूर्त है. जून: 3, 4, 51 मुहूर्त है. नवंबर: 2, 3, 4, 7, 8, 12, 13, 14, 15, 16, 18, 20, 21, 24 को मुहूर्त है दिसंबर: 1 और 14 को मुहूर्त है.
डिस्क्लेमर
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