धनतेरस पर क्यों जलाएं 13 दीपक, यमदेव से लेकर तुलसी मां के नाम दीप प्रज्जवलित करें
Dhanteras 2024: धनतेरस के दिन 13 दीये जलाए जाने की परंपरा युगों से चली आ रही है. शास्त्रों के अनुसार, धनतेरस के मौके पर इस दिन 13 दीपक अलग-अलग जगहों पर जलाया जाता है. धनतेरस के दिन 13 दीप जलाकर भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती हैं, क्योंकि धन्वंतरि देवताओं के वैद्य माने जाते हैं.
पहला दीपक
धनतेरस की शाम को सबसे पहले यमदेव के नाम का दीपक जलाना चाहिए. यह दीपक घर के दक्षिण दिशा में आटे से बना चौमुखी होना चाहिए.
दूसरा दीपक
दूसरा दीपक घी से जलाकर पूजा मंदिर या किसी उपयुक्त जगह पर रखना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
तीसरा दीपक
तीसरा दीया मां लक्ष्मी के सामने जलाया जाता है. ये दीया धन लाभ और जीवन में सफलता का आशीर्वाद पाने के लिए जलाना शुभ माना जाता है.
चौथा दीपक
चौथा दीया तुलसी मां के समक्ष जलाना चाहिए. कहते हैं ऐसा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है.
पांचवां दीपक
पांचवां दीपक घर के मुख्य द्वार के सामने रखना चाहिए. मान्यता है कि यह घर से नकारात्मकता को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है.
छठा दीपक
छठा दीया सरसों के तेल से जलाकर पीपल के पेड़ के नीचे रखा जाता है. मान्यता है कि इससे आर्थिक संकट से बचाव होता है.
सातवां दीपक
सातवां दीपक पास के मंदिर या पूजा स्थल पर जलाना चाहिए. कहते हैं इससे घर में खुशहाली आती है.
आठवां दीपक
आठवां दीपक कूड़ेदान के पास जलाना चाहिए. ये दीया बुराई का नाश करके घर-परिवार में खुशियां लेकर आता है.
नौवां दीपक
नौवां दीपक शौचालय के बाहर जलाना चाहिए.ऐसा कहते हैं ऐसा करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है.
दसवां दीपक
दसवां दीपक घर की छत पर रखना चाहिए. ये जीवन से अंधकार को दूर कर उजाला भर देता है.
ग्यारहवां दीपक
ग्यारहवां दीपक घर की किसी खिड़की पर रखना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि ये दीया बुरी और नकारात्मक ऊर्जा से लड़ने में मददगार साबित होता है.
बारहवां दीपक
बारहवां दीया घर की सबसे ऊंचे स्थान पर रखा जाता है, ताकि घर-परिवार में सबकी स्वास्थ्य अच्छी रहे.
तेरहवां दीपक
तेरहवां दीपक घर के आंगन में जलाना चाहिए. ये दिखने में खूबसूरत होने के साथ जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी बढ़ाता है.
डिस्क्लेमर
यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसकी विषय सामग्री और एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.