नोट कर लें करवाचौथ पर सरगी की थाली में रखने की ये 5 जरूरी चीजें, इस चीज के बिना अधूरा रह सकता है व्रत
Karwa Chauth 2024: करवाचौथ की इन रस्मों में एक खास रस्म सुबह-सुबह होती है, जिसे करवा चौथ की सरगी कहते हैं. सरगी एक ऐसी रस्म है, जिसमें सास सुबह 4 बजे अपनी बहुओं को अच्छा और स्वादिष्ट भोजन खिलाती हैं और श्रृंगार का सामान देती हैं.
Karwa Chauth 2024
करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति के अच्छे स्वास्थ्य, सुखी जीवन और लंबी आयु की कामना करते हुए निर्जला उपवास रखती हैं.करवाचौथ पर महिलाएं 'निर्जला' व्रत रखती हैं और शिव परिवार की पूजा करती हैं. चांद के दीदार के बिना ये व्रत अधूरा माना जाता है.
Sargi Thali
करवा चौथ की व्रत से पहले दी जाने वाली सरगी की थालीभी उतनी ही खास मानी जाती है. इस व्रत में सरगी का विशेष महत्व है. परंपरा के मुताबिक सास अपनी बहू को सरगी की थाली देती हैं.
कब निकलेगा चांद
हम आपको बताते हैं कि सरगी की थाली में क्या-क्या होना चाहिए. उससे पहले जानते हैं कि करवाचौथ किस तारीख को है और चांद के निकलने का समय क्या है.
कब है करवाचौथ 2024?
पंचांग के अनुसार इस साल 20 अक्तूबर 2024 को करवा चौथ का उपवास रखा जाएगा. कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 19 अक्तूबर 2024 को शाम 06 बजकर 17 मिनट पर शुरू होगी. तिथि का समापन- 20 अक्तूबर 2024 को दोपहर 03 बजकर 47 मिनट पर होगा.
करवाचौथ में सरगी
करवाचौथ में सरगी की रस्म है, जिसमें सास सुबह व्रत शुरू होने से पहले 4 बजे अपनी बहुओं को खाने का और श्रृंगार का सामान देती हैं. सरगी का सेवन सूरज उगने के पहले ही कर लेना चाहिए.
थाली में 16 श्रृंगार का सामान
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सरगी की थाली में 16 श्रृंगार का सामान जैसे बिंदी, मेहंदी, साड़ी, गजरा, महावर, सिंदूर,कुमकुम, चूड़ी, पायल, लाल, मांग टीका, कंघी, बिछिया, काजल आदि रखें.
सरगी की थाली
सरगी की थाली में सूखे मेवे, फल, खीर-पूड़ी, मीठी मठरी जैसी कई चीजें खाई जाती हैं. सरगी में पारंपरिक रूप से 7-9-11 तरह के छोटे-बड़े सभी तरह के फूड आइटम होते हैं.
करवा चौथ पूजा विधि
करवा चौथ के दिन स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें. इस दिन निर्जला व्रत रखा जाता है. फिर इसके बाद पूजा की सामग्री इकट्ठा कर लें. घर में मिट्टी से गौरी और गणेश की मूर्ति बनाएं. मां पार्वती को सुहाग की चीजें चढ़ाएं.
Disclaimer
यहां दी गई सभी जानकारियां सामान्य जानकारियां, धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं,वास्तुशास्त्र पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता हइसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.