Pitru Paksha 2023: पितृ पक्ष में इन पवित्र स्थानों पर करेंगे पिंडदान, पूर्वजों को मिलेगा मोक्ष

इस साल 29 सितंबर से पितृ पक्ष की शुरुआत हो चुकी है. पितृ पक्ष के दौरान लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंड दान करते हैं. पूजा अर्चना के बाद लोग पूर्वजों के मोक्ष प्राप्ति की कामना करते हैं.

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वाराणसी

उत्तर प्रदेश का वाराणसी शहर गंगा नदी के किनारे बसा है. यहां कई प्रसिद्ध मंदिर और घाट स्थित है. दुनिया भर में प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर यहीं पर स्थित है. हर दिन यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां घूमने और भगवान शिव के दर्शन करने आते हैं. वाराणसी में गंगा घाट पर पिंड दान कार्यक्रम आयोजित किया जाता है. पिंड दान करने के लिए भारी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं. 

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हरिद्वार

उत्तराखंड का हरिद्वार पूरी दुनिया में जाना जाता है. यहां गंगा नदी के किनारे पितरों का तर्पण किया जाता है. यहां के स्थानीय ब्राह्मण अनुष्ठान कराते हैं और विधिवत पूजा अर्चना के बाद पिंड दान किया जाता है. पिंडदान के बाद लोग यहां गंगा आरती में भी शामिल हो सकते हैं. 

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उज्जैन

मध्य प्रदेश के उज्जैन में भी लोग पिंड दान करने के लिए आते हैं. यहां पिंडदान करना बहुत ही लाभकारी माना जाता है. दूर-दूर से लोग यहां महाकाल के दर्शन करने और पिंडदान करने आते हैं. पिंडदान के बाद लोग यहां ओंकारेश्वर, भोपाल समेत अन्य जगहों पर भी घूम सकते हैं.

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मथुरा

उत्तर प्रदेश में स्थित मथुरा को कृष्ण नगरी कहा जाता है. यह भगवान श्री कृष्म की जन्मस्थली है. मथुरा को पवित्र धार्मिक स्थल माना जाता है. यह शहर यमुना नदी के किनारे बसा है. यहां बांके बिहारी मंदिर, दामोदर मंदिर समेत कई प्रसिद्ध मंदिर स्थित हैं. मान्यता है कि यहां पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. 

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सन्निहित सरोवर

हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के थानेसर में स्थित सन्निहित सरोवर पिंडदान के लिए मशहूर है. यह सरोवर सात पवित्र नदियों का संगम स्थान माना जाता है. पिंडदान के लिए यहां भारी संख्या में लोग पहुंचते हैं. यहां पूजा अर्चना करने के बाद लोग सरोवर में स्नान करते हैं. साथ ही पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए लोग उन्हें चावल अर्पित करते हैं.

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