Pitru Paksha 2024: पितरों की नहीं की पूजा तो क्या पाप लगेगा? जानें श्राद्ध और तर्पण पर क्या कहते हैं 18 महापुराण?

सनातन धर्म में श्राद्ध और तर्पण को महत्वपूर्ण माना गया है. ये प्रक्रिया पितरों (पूर्वजों) के प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता व्यक्त करने का जरिया है. मान्यता है कि श्राद्ध और तर्पण से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उनकी कृपा से परिवार में सुख, शांति, और समृद्धि बनी रहती है.

पूजा सिंह Sat, 14 Sep 2024-2:52 pm,
1/12

Pitru Paksha 2024: सनातन धर्म में पितृ पक्ष का खास महत्व है. इस दौरान श्राद्ध और तर्पण का अलग ही महत्व है. मान्यता है कि श्राद्ध और तर्पण से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उनकी कृपा प्राप्त होती है. अगर ऐसा नहीं किया जाए तो रक्त संबंधित व्यक्ति और उसके परिवार में समस्या आ सकती हैं. पुराणों की मानें तो श्राद्ध और तर्पण के माध्यम से हम पितरों को जल, अन्न और अन्य सामग्री अर्पित करते हैं, जिससे उनकी आत्मा संतुष्ट होती है. खास तौर पर ये प्रक्रिया पितृ पक्ष (सोलह श्राद्ध) में की जाती है.

2/12

क्यों जरूरी है श्राद्ध और तर्पण?

जानकारों की मानें तो भारतीय पुराणों में तीन ऋणों का जिक्र है, जिनमें देव ऋण, मनुष्य ऋण और पितृ ऋण है. देव पूजन जितना आवश्यक है, पितरों के निमित्त श्राद्ध कर्म करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है. सभी 18 महापुराणों में श्राद्ध, तर्पण और पितरों की पूजा का जिक्र मिलता है.

3/12

विष्णु पुराण और ब्रह्म पुराण

विष्णु पुराण में पितरों के श्राद्ध और तर्पण का महत्व बताया गया है. इसमें कहा गया है कि पितरों को अर्पित जल और अन्न से उनकी आत्मा को शांति मिलती है. वहीं, ब्रह्म पुराण में पितरों के लिए श्राद्ध की विधियों का विवरण मिलता है. यह भी बताया गया है कि पितरों की आत्मा की शांति के लिए विशेष तिथि पर श्राद्ध करना जरूरी है.

4/12

शिव पुराण और भागवत पुराण

शिव पुराण में श्राद्ध की प्रक्रिया और इसके लाभों का उल्लेख है. भागवत पुराण में पितरों के तर्पण और श्राद्ध की विधियां और उनका महत्व वर्णित है. पितरों को अर्पित सामग्री की विधि भी बताई गई है.

5/12

मत्स्य पुराण और नारद पुराण

पितरों के श्राद्ध की विभिन्न विधियों, जैसे एकोदिष्ट और नित्य श्राद्ध, का विवरण मत्स्य पुराण में मिलता है. वहीं, नारद पुराण में पितरों के प्रति श्राद्ध की विधियां और इसके महत्व का विस्तृत वर्णन किया गया है.

6/12

वामन पुराण और कूर्म पुराण

पितरों के श्राद्ध और तर्पण की प्रक्रिया का उल्लेख इस पुराण में है, जिसमें पितरों को शांति देने के उपाय बताए गए हैं. इसके अलावा कूर्म पुराण में पितरों की आत्मा को शांति देने के लिए श्राद्ध की प्रक्रियाओं का वर्णन किया गया है.

7/12

क्या कहता है लिंग पुराण?

अगर लिंग पुराण की बात करें तो इसमें पितरों के श्राद्ध और तर्पण की विधियों का वर्णन है और यह बताया गया है कि इससे पितरों को शांति मिलती है. जिससे परिवार में सुख, शांति, और समृद्धि बनी रहती है.

8/12

अन्य पुराणों में क्या है जिक्र?

गरुड़ पुराण, श्रीभगवत पुराण, सत्यम्बुधि पुराण, ब्रह्मवैवर्त पुराण, स्मृति पुराण, प्रदीप पुराण, अग्नि पुराण, श्री भागवत पुराण और कालिक पुराण में भी पितरों के श्राद्ध की विधियां, आत्मा को शांति देने के लिए प्रक्रियाओं और धार्मिक महत्व के बारे में बताया गया है.

9/12

क्या है पौराणिक मान्यता?

शास्त्रों की मानें तो पितरों की आज्ञा का पालन और उनके लिए श्राद्ध करना संतान की सार्थकता को सिद्ध करता है. कहा तो ये भी जाता है कि एक बार गया श्राद्ध करने से संतान होना सार्थक होता है. पितरों के निमित्त श्राद्ध एक महत्वपूर्ण अंग है.

10/12

कितने तरह के होते हैं श्राद्ध?

शास्त्रों में विशेष तिथि श्राद्ध के दिन दैहिक कर्म करने के बाद कई तरह के श्राद्ध होते हैं, जैसे कि एकोदिष्ट श्राद्ध, नित्य श्राद्ध, नैमित्तिक श्राद्ध, सोरस श्राद्ध (सोलह श्राद्ध) और महालय श्राद्ध. इन्हें समय-समय पर किया जाना चाहिए. 

11/12

क्या होती है हानि?

शास्त्रों की मानें तो पितरों की अपेक्षाएं और भावनाएं हमारे साथ जुड़ी होती हैं. अगर पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध नहीं किया जाए तो पितर अतृप्त होते हैं और रक्त संबंधी या करीबी को प्रभावित करते हैं, जिससे उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है.

12/12

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं-धार्मिक जानकारियों और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है.  यहां यह बताना जरूरी है कि ZEE UPUK किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.

ZEENEWS TRENDING STORIES

By continuing to use the site, you agree to the use of cookies. You can find out more by Tapping this link