Sharadiya Navratri 2024: इस नवरात्रि ये 6 गलतियां बिल्कुल न करें, माता रानी हो सकती हैं क्रोधित!
शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 रुपों की विधि-विधान से पूजा अर्जना की जाती है. माता रानी के भक्त नवरात्रि का बेसब्री से इंतजार करते हैं. पहले दिन मां के प्रथम स्वरूप देवी शैलपुत्री की पूजा की जाती है. हिंदू कैलेंडर के मुताबिक अश्विन माह में नवरात्रि होते हैं.
शारदीय नवरात्रि कब से?
शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri 2024) की शुरुआत 3 अक्टूबर यानी आज से होने रही है, जो 11 अक्टूबर तक रहेंगे. इन पावन दिनों में नौ दिन तक माता रानी की उपासना की जाती है.
मां देवी की पूजा
भक्त मां को प्रसन्न करने के लिए व्रत व पूजा अर्चना करते हैं. मान्यता है कि इन दिनों में मां देवी के नौ रूपों की पूजा करने से सुख-शांति आती है. साथ ही माता रानी भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं.
न करें ये चीजें
लेकिन इससे जुड़ी कुछ ऐसी भी मान्यताएं है जिनके विपरीत काम करने पर मां नाराज भी हो सकती हैं. इसलिए इनको करने से बचना चाहिए. आइए जानते हैं इनके बारे में....
दाढ़ी-बाल, नाखून ना काटें
नवरात्रि में उपवास रखने वाले और पूजा-पाठ करने वाले को नाखून, दाढ़ी, बाल और मूंछ नहीं कटवानी चाहिए. इसके अलावा हो सके तो चमड़े की वस्तुओं जैसे पर्स, बैग, बेल्ट आदि का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए.
नवरात्रि में करें सात्विक भोजन
नवरात्रि में अगर आप उपवास रख रहे हैं तो इस दौरान सात्विक भोजन करना चाहिए. इस दौरान खाने में अनाज, नमक, लहसुन-प्याज का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
एक बार में करें फलाहार
इसके अलावा शराब और नॉनवेज का बिल्कुल सेवन नहीं करना चाहिए. अगर फलाहार कर रहे हैं तो उसे एक बार में ही खत्म करें. साथ ही मान्यता है कि नवरात्रि भर नींबू भी नहीं काटना चाहिए.
पाठ को बीच में ना रोकें
माता रानी का व्रत रख रहे हैं तो इस दौरान उनका ध्यान लगाना चाहिए. इस दौरान दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ करें. लेकिन ध्यान रखें चालीसा या सप्तशती पाठ के दौरान पाठ या चालीसा को बीच में नहीं रोकना चाहिए, इसे पूरा करना चाहिए. बीच में उठने से पाठ का फल नहीं मिलता है.
दिन में बिल्कुल ना सोएं
नवरात्रि में अगर आप उपवास रख रहे हैं तो इस दौरान दिन में बिल्कुल नहीं सोना चाहिए. विष्णु पुराण के मुताबिक इसे वर्जित माना गया है.
डिस्क्लेमर
यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.