Shardiya Navratri 2024: कैसे हुई थी नवरात्रि की शुरुआत? मां चंडी को खुश करने के लिए त्रेतायुग में इस राजा ने रखे 9 दिन के व्रत

Navratri Kyo manai jati hai: आखिर हम नवरात्रि क्यों मनाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम ने सबसे पहले ये व्रत शुरू किए थे. आइए जानते हैं त्रेतायुग से जुड़ी पौराणिक कथा.

प्रीति चौहान Tue, 24 Sep 2024-9:38 am,
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नवरात्रि में माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा

नवरात्रि में माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. शक्ति स्वरूपा देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए साल में चार बार नवरात्रि पड़ती हैं जिनमें एक बार शारदीय और एक बार चैत्र नवरात्रि, इसके अलावा 2 बार गुप्त नवरात्रि, के दौरान भक्त माता की आराधना करते हैं.  सदियों से नवरात्रि में माता की आराधना करने का विधान चला आ रहा है. 

 

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शारदीय नवरात्रि 2024

इस बार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत गुरुवार 03 अक्टूबर से हो रही है, जिसका समापन 12 अक्टूबर 2024 को होगा. क्या आप जानते हैं कि नवरात्रि की शुरुआत कब- कैसे और किसने शुरू की थी? 

 

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किसने रखा नवरात्रि का पहला व्रत?

सबसे पहले नवरात्रि में 9 दिनों तक व्रत किसने रखा ? अगर नहीं तो, आज हम आपको बताएंगे कि नवरात्रि मनाने की शुरुआत कैसे हुई थी और सबसे पहले किसने नवरात्रि का व्रत किया था.

 

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कैसे हुई थी नवरात्रि की शुरुआत

माता दुर्गा स्वयं शक्ति स्वरूपा हैं और नवरात्रि में भक्त आध्यात्मिक बल, सुख-समृद्धि की कामना के साथ इनकी उपासना करते हैं. नवरात्रि की शुरुआत जिनके द्वारा हुई थी उन्होंने भी माता से आध्यात्मिक बल और विजय की कामना की थी.

 

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श्रीराम ने की शुरुआत

नवरात्रि मे अलग अलग कथा मिलती है. लेकिन, यह कम लोग ही जानते है की श्री राम ने इसकी शुरुआत की थी. नौ दिनों तक माता की उपासना करने का सुझाव ब्रह्मा जी ने विष्णु के अवतार भगवान श्रीराम को दिया था.

 

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वाल्मीकि रामायण में वर्णित

वाल्मीकि रामायण में वर्णित है कि, किष्किंधा के पास ऋष्यमूक पर्वत पर लंका पर चढ़ाई से पहले भगवान राम ने मां दुर्गा की उपासना की थी. ऐसा कहते हैं कि स्वय सृष्टि के रचियता ब्रह्मा जी ने श्री राम को माता दुर्गा के स्वरूप, चंडी देवी की पूजा करने की सलाह दी थी. 

 

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चंडी हवन और पूजा

राम जी को बह्मा जी ने  ये भी कहा कि पूजा सफल तभी होगी जब चंडी पूजा और हवन के बाद 108 नील कमल भी अर्पित करने होंगे. ये नील कमल अतिदुर्लभ माने जाते हैं. भगवान राम को उस समय सेना की मदद से ये 108 नील कमल तो मिल गए. 

 

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रावण ने किया नीलकमल गायब

ये बाद लंकापति रावण को पता लगी तो उसने  उसने पूजा विघ्न डालने के लिए एक नील कमल को गायब कर दिया. चंडी पूजन समाप्त करने के बाद भगवान राम ने जब कमल के पुष्प चढ़ाए तो एक कमल कम निकला. ये देखकर भगवान राम चिंतित हो गए. 

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माता को आंख चढ़ाने का फैसला

लेकिन अंत में उन्होंने कमल की जगह अपनी एक आंख माता चंड़ी को अर्पित करने का निर्णय लिया. जैसे ही उन्होंने अपनी आंख मां को चढ़ानी चाही तो मां प्रकट हो गईं. वह उनकी भक्ति से प्रसन्न हुईं और उन्हें जीत का आशीर्वाद दिया.

 

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राम ने की नौ दिनों तक मां की पूजा

ब्रह्मा जी की सलाह पाकर भगवान राम ने प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक चंडी देवी का पाठ किया था. जब भगवान राम ने प्रतिपदा से लेकर नवमी तक माता चंडी को प्रसन्न करने के लिए हवन और तप किया उस दौरान उन्होंने अन्न जल भी ग्रहण नहीं किया. 

 

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मां का मिला आशीर्वाद

नौ दिनों तक माता दुर्गा के स्वरूप चंडी देवी की पूजा करने के बाद भगवान राम को रावण पर विजय प्राप्त हुई.  ऐसा कहा जाता है कि तभी से नवरात्रि की शुरुआत हुई. भगवान राम नवरात्रि के 9 दिनों तक व्रत रखने वाले पहले राजा और पहले मनुष्य थे. 

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Disclaimer

यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसकी विषय सामग्री और एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.

 

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