Sawan 2024: सावन में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है. शिवजी आदि, अनादि और अनंत हैं और भक्तों की मनोकामनाएं अति शीघ्र पूरी करते हैं. शिव जी के मंत्र अगर सामान्य रूप से जपे तो भी भगवान कल्याण करते हैं. शिव जी के मंत्रों और स्तुतियों का विधि विदान से जाप करने से मनोकामनाएं पूरी होती है. शिव की स्तुतियों का बहुत महत्व बताया गया है. ये अति विशेष होते हैं और लाभकारी भी होते हैं. विभिन्न स्वरूपों के लिए विभिन्न स्तुतियां रची गई हैं. इन स्तुतियों का प्रभाव अचूक माना गया है. हर स्तुति का पाछ संबंधित स्वरूप के लिए किया गया है.


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ये हैं शिव जी के मंत्र
शिवजी का पंचाक्षरी मंत्र है- "नमः शिवाय" जोकि पांच तत्वों की शक्ति से भरा है और इसका निरंतर जाप करने से शिवजी कृपा बरसाते हैं. इसी मंत्र का षडाक्षर स्वरूप भी है जोकि "ॐ नमः शिवाय" है.  दूसरों के कल्याण के निमित्त इस मंत्र का जाप किया जा सकता है. 


शिवजी का महामृत्युंजय मंत्र अति प्रभावी है जिसका लघु चतुराक्षरी स्वरूप है. "ॐ हौं जूं सः" है. इस मंत्र का जाप असाध्य रोगों से मुक्ति पाने के लिए तिया जाता है. इस मंत्र में महामृत्युंजय स्वरूप में शिव जी की पूजा की जाती है. भगवान शिव भक्तो कि सहायता अमृत का कलश लेकर करते हैं. 


"ॐ ह्रौं जूं सः। ॐ भूर्भवः स्वः। ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनांन्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात| स्वः भुवः भूः ॐ। सः जूं ह्रौं ॐ।". 
यह मृत संजीवनी महामृत्युंजय मंत्र है जो कि मृत्यु जैसी स्थिति में इस मंत्र का जाप किया जाता है. 


मंत्र जाप के नियम 
शिव मंत्र जाप के नियम की बात करें तो रुद्राक्ष की माला से अगर भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें तो ये अति उत्तम होता है. अगर प्रदोष काल में मंत्र जाप करे तो यह सर्वोत्तम होगा. शिवजी के कल्याणसुंदरम स्वरूप का अगर मंत्र जाप करने से पहले ध्यान करें तो लाभ होगा. शिव जी के किसी भी मंत्रों से किसी दूसरे को नुकसान पंहुचाने का कतई प्रयास न करें.


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