Sawan Vinayaka Chaturthi 2023: आज इन `शुभ योग` में मनाई जा रही है सावन विनायक चतुर्दशी, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व
Vinayaka Chaturthi 2023: हिंदू पंचाग के मुताबिक नाग पंचमी से एक दिन पहले गणेश का त्योहार मनाया जा रहा है.. इस त्योहार के देवता हैं गजाधर श्री गणेश...हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन विनायक चतुर्थी व्रत रखा जाएगा....
Vinayak Chaturthi 2023 Date: भगवान शिव का प्रिय महीना सावन चल रहा है. सावन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा. श्रावण शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि यानी 20 अगस्त के दिन विनायक चतुर्थी व्रत रखा जा रहा है.इस खास दिन पर अत्यंत शुभ संयोग का निर्माण हो रहा है. सावन की विनायक चतुर्थी के दिन व्रत रखकर गणेश जी की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चतुर्थी व्रत के दिन भगवान श्री गणेश की उपासना करने से साधक को बल बुद्धि, सुख एवं समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है. आपको बता दें कि सावन मास में इस विशेष दिन पर अत्यंत शुभ संयोग में पूजा पाठ का विशेष महत्व है. आइए जानते हैं, विनायक चतुर्थी व्रत शुभ मुहूर्त, योग और पूजा विधि.
Shani Dev: चल रही है शनि की साढ़ेसाती तो करें ये अचूक उपाय, शनिदेव के अशुभ प्रभावों से मिलेगी मुक्ति
सावन विनायक चतुर्थी तिथि
सावन शुक्ल चतुर्थी तिथि प्रारंभ
19 अगस्त 2023, रात 10.19
सावन शुक्ल चतुर्थी तिथि समाप्त
21 अगस्त 2023, प्रात: 12.21
विनायक चतुर्थी व्रत 2023 शुभ मुहूर्त
हस्त नक्षत्र 21 अगस्त सुबह 04:22 तक रहेगा. वहीं इस दिन साध्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और रवि योग का निर्माण हो रहा है. यह तीनों योग सुबह 5:53 से 21 अगस्त सुबह 04:22 तक रहेंगे. वैदिक पंचांग में बताया गया है कि सावन माह में विनायक चतुर्थी व्रत के दिन हस्त नक्षत्र का निर्माण हो रहा है. इसे ज्योतिष शास्त्र में सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त में गिना जाता है.
विनायक चतुर्थी व्रत की पूजा विधि
विनायक चतुर्थी व्रत वाले दिन मध्याह्न की अवधि में भगवान गणेश की पूजा को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. भगवान गणेश की पूजा गणेश चतुर्थी के दिन 16 उपचारों से की जाती है. चतुर्थी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान कर स्वच्छ कपड़े पहनें. मंदिर के सामने दीपक जलाकर व्रत का संकल्प लें. गणपति जी की षडषोपचार पूजा करें. उनको पंचामृत, रोली, अक्षत, जनेऊ, सिंदूर, कूश, दूर्वा, सुपारी इत्यादि अर्पित करें. फिर लड्डू का भोग चढ़ाएं. अंत में आरती के साथ पूजा संपन्न करें.
विनायक चतुर्थी गणेश जी मंत्र
वक्र तुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ: ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव शुभ कार्येषु सर्वदा ।।
गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारु भक्षणम्ं ।
उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम् ।।
सर्वाज्ञाननिहन्तारं सर्वज्ञानकरं शुचिम् ।
सत्यज्ञानमयं सत्यं मयूरेशं नमाम्यहम्
विनायक चतुर्थी व्रत का महत्व
हिंदू धर्म में चतुर्थी व्रत का विशेष महत्व है.श्री गणेश जी भगवान शिव के पुत्र हैं. इस व्रत को करने से गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है. साथ ही हर तरह के संकट दूर होते हैं. धन, बल और बुद्धि की प्राप्ति होती है.सावन विनायक चतुर्थी के दिन गणेश पूजा से भगवान शिव और माता पार्वती भी प्रसन्न होंगे.
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है. सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा.