Shankh Importance: शंख, समुद्र मंथन से निकले 14 रत्नों में से एक है. इसे देवी लक्ष्मी का भाई कहा जाता है. धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक, भगवान विष्णु ने इसे अपने हाथों में धारण किया था. इसलिए कहा गया है कि जिस घर में शंख होता ह, वहां भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है. घर में शंख को रखने को लेकर भी नियम बताए गए हैं. आइए जानते हैं..


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शंख से जुड़े नियम
धर्म ग्रंथों के मुताबिक, घर में हमेश दो शंख रखने की सलाह दी जाती है. एक शंख से भगवान की पूजा के लिए और दूसरा जलाभिषेक के लिए.  


शंख से जुड़ी कुछ और बातें
पूजा के लिए दक्षिणावर्ती शंख का इस्तेमाल करना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि यह शंख लक्ष्मी का रूप होता है. 


शंख पूजा के लिए मंत्र 


 'त्वं पुरा सागरोत्पन्नः विष्णुना विधृतः करे। पूजितः सर्व देवैश्च पंचजन्य नमोऽस्तु ते ॥ त्रैलोक्ये अर्थात तीर्थाणि वासुदेवस्य च अज्ञेय'.

शंख की पूजा
पूजा घर में एक ही शंख रखना चाहिए.इस बात का ध्यान रखें कि जो शंख बजाते हैं उसको भगवान की पूजा में न रखें.यानी पूजा के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले शंख को कभी न बजाएं. ऐसा करने से भगवान नाराज़ हो सकते हैं.


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दूर होता है वास्तु दोष
पूजा के बाद, शंख में पानी भरकर रखना चाहिए और सुबह इस पानी का छिड़काव घर में करना चाहिए. ऐसा करने से वास्तु दोष दूर होते हैं. 


साफ जगह पर रखें शंख
शंख को जहां पर भी रखें, वहां सबसे पहले शुद्ध जल का छिड़काव करें. शंख को लाल रंग के साफ़ कपड़े से ढककर रखना चाहिए. इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं.  भगवान गणेश की पूजा में गणेश शंख रखना चाहिए.


धार्मिक महत्व
हमारे पूर्वजों और पवित्र ग्रंथों के अनुसार, शंख बजाने का सबसे महत्वपूर्ण पहलू इसकी पवित्रता और सकारात्मकता है. ऐसा कहा जाता है कि शंख से उत्पन्न ध्वनि वातावरण को शुद्ध करती है और नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करती है. इसकी ध्वनि आसपास के वातावरण को शुद्ध करती है जिससे यह धार्मिक कार्यों के लिए अनुकूल हो जाता है. सनातन धर्म में किसी पूजा और आरती समारोह की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए शंख बजाया जाता है.  यह प्रथा मंदिरों और कुछ भारतीय घरों में आज भी जारी है.


कैसे करें शंख की पूजा


शंख की पूजा के लिए सुबह स्नान करके साफ़ कपड़े पहनें. फिर घर के मंदिर में चौकी बिछाएं और उस पर शंख रखें. शंख को कच्चे दूध और जल से स्नान कराएं. स्वच्छ कपड़े से पोंछें और उस पर चांदी का वर्क लगाएं. घी का दीपक और अगरबत्ती जलाएं. कुमकुम, चावल, और इत्र अर्पित करें. सफ़ेद फूल चढ़ाएं.


डिस्क्लेमर
यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं.कंटेंट का उद्देश्य मात्र आपको बेहतर सलाह देना है. इसकी विषय सामग्री और एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता. इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं.


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