Navratri Maa Katyayani: नवरात्रि का छठा दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूप में से एक मां कात्यायनी को समर्पित है. कात्यायन ऋषि की पुत्री होने की वजह से देवी को कात्यायनी नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि माता के इस स्वरूप की पूजा से साधक को रोग-दोषों से मुक्ति मिलती है. साथ ही सुख-समृद्धि की प्राप्ति भी होती है. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, भगवान कृष्ण की प्राप्ति के लिए गोपियों ने माता कात्यायनी की पूजा की थी. ऐसे में इनका संबंध विवाह से जुड़े मामलों से भी है. ऐसी मान्यता है कि जो भी इनकी पूजा करता है उसे इच्छानुसार वर की प्राप्ति होती है. जानिए मां के इस स्वरूप, पूजा विधि और भोग के बारे में.


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जानें षष्ठी तिथि और भोग
हिंदू पंचांग की मानें तो षष्ठी तिथि की शुरुआत 8 अक्टूबर दिन मंगलवार को 11:17AM से होगी. जिसका समापन 9 अक्टूबर को दिन बुधवार 12:14PM पर होगा. मां कात्यायनी को शहद या मीठे पान का भोग लगाना बेहद शुभ माना गया है. मान्यता है कि इससे व्यक्ति को किसी प्रकार का भय नहीं सताता.


कैसा है माता का स्वरूप?
मां दुर्गा का ये स्वरूप अत्यंत चमकीला और भास्वर है और वे ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं. इनकी चार भुजाएं हैं, इनमें से दाहिनी तरफ का ऊपर वाला हाथ अभयमुद्रा में है. वहीं नीचे वाला हाथ वरमुद्रा में है. इसके अलावा बाईं तरफ के ऊपरवाले हाथ में तलवार और नीचे वाले हाथ में कमल-पुष्प है. माता का वाहन सिंह है.


कैसे बरसेगी माता की कृपा? 
नवरात्रि के छठे दिन सुबह उठने के बाद स्नानादि करें. इसके बाद मां कात्यायनी के पूजन से पहले कलश की पूजा का विधान है, जो स्वयं गणेश हैं. उन्हें स्नान के बाद साफ कपड़े पहनाएं और फूल, अक्षत आदि अर्पित कर तिलक लगाएं. उन्हें मोदक भोग लगाएं और पूरे विधि विधान से पूजा करें. फिर आप नवग्रह, दशदिक्पाल, नगर देवता, ग्राम देवता की पूजा भी करें. इसके बाद ही आप मां कात्यानी की पूजा करें. कात्यानी देवी की पूजा के लिए अपने एक हाथ में एक फूल लेकर मां कात्यायनी का ध्यान करें. इसके बाद माता को फूल चढ़ाएं और अक्षत, कुमकुम और सिंदूर अर्पित करें. माता को भोग लगाना ना भूलें. साथ ही माता के समक्ष घी का दीया जलाएं. पूजा के दौरान मंत्रों का जाप करें ओर आखिरी में मां की आरती करें.


जानें मां कात्यायनी का मंत्र
"कात्यायनी महामाये , महायोगिन्यधीश्वरी.
नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः.."


Disclaimer: यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसकी विषय सामग्री और एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.


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