इस सप्ताह हरतालिका तीज और गणेश चतुर्थी समेत कई व्रत-त्योहार, यहां देखें पूरी लिस्ट
Weekly Vrat Festivals List: इस सप्ताह के पहले दिन भाद्रपद अमावस्या है तो वहीं महिलाओं का प्रमुख त्योहार हरतालिका तीज समेत गणेश चतुर्थी भी इसी सप्ताह है, जानिये इस सप्ताह के व्रत-त्योहारों की पूरी लिस्ट.
September 2024 Weekly Vrat Festivals List: 02 सितंबर से शुरू हो रहे इस सप्ताह भाद्रपद अमावस्या, हरतालिका तीज और गणेश चतुर्थी समेत कई महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार हैं. आइये आपको विस्तार से बताते हैं 2 सितंबर से 8 सितंबर 2024 के बीच इस सप्ताह पड़ने वाले त्योहारों की तारीख, महत्व, और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है.
भाद्रपद अमावस्या, सोमवती अमावस्या- 2 सितंबर 2024 (सोमवार)
भाद्रपद अमावस्या का सनातन धर्म में विशेष रूप से पितरों की शांति और तर्पण के लिए बहुत महत्व बताया गया है. जब अमावस्या सोमवार को पड़ती है, तो इसे "सोमवती अमावस्या" कहा जाता है, जो बेहद शुभ मानी जाती है. इस दिन व्रत रखने और पीपल के वृक्ष की पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होता है.
पूजा का शुभ मुहूर्त
- पूजा का शुभ मुहूर्त: सुबह 05:55 बजे से दोपहर 12:25 बजे तक है.
- तर्पण का समय: सुबह 09:00 बजे से 11:00 बजे तक है.
हरतालिका तीज, वराह जयंती- 6 सितंबर 2024 (शुक्रवार)
हरतालिका तीज का व्रत विशेष रूप से युवतियों और विवाहित महिलाओं द्वारा रखा जाता है. इस व्रत में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है. इसी दिन वराह जयंती भी है. बताया जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु के वराह अवतार का जन्म हुआ था. वराह जयंती भक्तों के लिए विशेष फलदायी होती है.
पूजा का शुभ मुहूर्त
- हरतालिका तीज: प्रातः 06:15 बजे से सुबह 08:45 बजे तक है.
- वराह जयंती: प्रातः 07:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक है.
गणेश चतुर्थी से गणेश उत्सव का आरंभ- 7 सितंबर 2024 (शनिवार)
गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है और यह 10 दिनों तक चलने वाले गणेश उत्सव का आरंभ है. इस दिन भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना कर, उन्हें 21 दुर्वा, 21 मोदक, फूल, और फल अर्पित किए जाते हैं.
पूजा का शुभ मुहूर्त
गणेश स्थापना और पूजा: सुबह 11:45 बजे से दोपहर 02:15 बजे तक है
विशेष गणेश पूजा: संध्या 06:30 बजे से रात 08:30 बजे तक है
ऋषि पंचमी- 8 सितंबर 2024 (रविवार)
ऋषि पंचमी का व्रत सप्तऋषियों की पूजा और उनके प्रति सम्मान के लिए किया जाता है. महिलाएं विशेष रूप से इस व्रत को रखती हैं, जिससे उन्हें जाने अनजाने पापों से मुक्ति मिल सके.
पूजा का शुभ मुहूर्त
- पूजा का शुभ मुहूर्त: सुबह 07:00 बजे से 09:00 बजे तक है.
- ऋषि तर्पण: प्रातः 08:00 बजे से 10:00 बजे तक है.
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Disclaimer: दी गई जानकारी पंचांग और ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित है. ZEE UP/UK इसकी प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करता.