इस सप्ताह सावन पुत्रदा एकादशी समेत कई व्रत और त्योहार, जल्दी से नोट कर लें पूरी लिस्ट
Weekly Vrat Festivals List: इस सप्ताह 12 से 18 अगस्त के बीच सावन के चौथे सोमवार के अलावा मंगला गौरी व्रत, सावन पुत्रदा एकादशी समेत कई व्रत और त्योहार पड़ रहे हैं जिनका हिंदू धर्म में खास महत्व है.
August Weekly Vrat Festivals List: भगवान शिव का प्रिय महीना सावन खत्म होने को है भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए चौथा सोमवार आ चुका है. इसके अलावा इस सप्ताह मंगला गौरी व्रत, मासिक दुर्गा अष्टमी व्रत और सावन पुत्रता एकादशी जैसे कई व्रत और त्योहार हैं, जिनका हिंदू धर्म में बहुत महत्व बताया गया है.
आइये विस्तार से आपको बताते हैं इस सप्ताह आने वाले व्रत और त्योहारों के बारे में.
सावन का चौथा सोमवार (12 अगस्त 2024)
सावन मास का चौथा सोमवार शिव भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. इस दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना से विशेष फल की प्राप्ति होती है. विधि विधान से शिवलिंग पर जल चढ़ाकर व्रत रखने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
मंगला गौरी व्रत (13 अगस्त 2024)
मंगला गौरी व्रत का आयोजन हर मंगलवार को होता है और यह विशेष रूप से विवाहित महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण होता है. इस व्रत में महिलाएं माता गौरी की पूजा करती हैं ताकि उन्हें सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन की प्राप्ति हो सके. इस व्रत को रखने से पति की दीर्घायु और परिवार की समृद्धि होती है.
मासिक दुर्गा अष्टमी (13 अगस्त 2024)
मासिक दुर्गा अष्टमी का व्रत हर माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को रखा जाता है. इस दिन मां दुर्गा की पूजा करके व्रत रखने से व्यक्ति के सभी संकटों का निवारण होता है. यह व्रत सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति के लिए किया जाता है.
सिंह संक्रांति (16 अगस्त 2024)
सिंह संक्रांति के दिन सूर्य देव सिंह राशि में प्रवेश करते हैं. इस दिन गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन किए गए दान-पुण्य का कई गुना फल प्राप्त होता है.
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सावन पुत्रदा एकादशी (16 अगस्त 2024)
सावन पुत्रदा एकादशी का व्रत संतान की प्राप्ति और उनकी खुशहाली के लिए रखा जाता है. इस व्रत में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और उपवास रखा जाता है. संतान प्राप्ति के लिए यह एक महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है.
शनि प्रदोष व्रत (17 अगस्त 2024)
शनि प्रदोष व्रत का पालन भगवान शिव को समर्पित किया जाता है. इस व्रत को करने से शनि दोष का निवारण होता है और व्यक्ति को शनि देव की कृपा प्राप्त होती है। यह व्रत स्वास्थ्य, संपत्ति और शांति के लिए किया जाता है.
Disclaimer: यह जानकारी विभिन्न स्रोतों से एकत्रित की गई है और मान्यताओं पर आधारित है. Zee UP/UK इसकी प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करता.